Nimisha Priya Sentenced To Death : यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए भारत की जंग जारी

खबर सार :-
Nimisha Priya Sentenced To Death : यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के आरोप में मिली मौत की सजा पर भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है, हालांकि यमनी मीडिया में 16 जुलाई की फांसी की खबर है। निमिषा के पति को अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली। हाउती नियंत्रण वाले क्षेत्र में होने के कारण और ब्लड मनी में समस्याओं के चलते भारत सरकार के सामने चुनौतियां हैं।

Nimisha Priya Sentenced To Death : यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए भारत की जंग जारी
खबर विस्तार : -

Nimisha Priya Sentenced To Death : भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सज़ा से बचाने के लिए भारत सरकार सारे प्रयास कर रही है। निमिषा को एक स्थानीय नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। यमन की मीडिया में छपी खबरों के अनुसार 16 जुलाई को निमिषा प्रिया को फांसी दिया जाना है। वहीं दूसरी ओर निमिषा के पति टॉमी थॉमस का कहना है कि उन्हें अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है, जिससे परिवार में अनिश्चितता बनी हुई है।

Nimisha Priya Sentenced To Death  : मामला और संभावित फांसी की तारीख

38 वर्षीय निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की मूल निवासी हैं। निमिषा प्रिया को जुलाई 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार की हत्या करने के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में यमनी अदालत ने उन्हें 2020 में मौत की सज़ा सुनाई, जिसे नवंबर 2023 में देश की सर्वाेच्च न्यायिक परिषद ने भी बरकरार रखा। हालांकि, ब्लड मनी (दियात) के माध्यम से पीड़ित परिवार के साथ समझौते का रास्ता अभी भी खुला है। यमनी मीडिया और इस मामले से जुड़े एक सामाजिक कार्यकर्ता के अनुसार, सरकारी अभियोजक ने जेल अधिकारियों को 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश भेजा है।

Nimisha Priya Sentenced To Death : सरकार के सामने चुनौतियां और परिवार का संघर्ष

निमिषा इस समय यमन की राजधानी सना की जेल में हैं, जहां ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों का नियंत्रण है। यह स्थिति भारत सरकार के लिए दुविधा के साथ ही चुनौती भी पेश करती है। इसका कारण है, क्योंकि भारत का हाउती विद्रोहियों के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है। सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि वे इस संवेदनशील मामले पर लगातार नज़र रख रहे हैं और निमिषा के परिवार के साथ-साथ स्थानीय अधिकारियों के साथ भी निरंतर संपर्क में हैं। हालांकि, ब्लड मनी के भुगतान के माध्यम से निमिषा की रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयासों में भी कुछ मुश्किलें आ रही हैं। 

इधर, भारत में निमिषा का परिवार भारी वित्तीय संकट से जूझ रहा है। उनके पति, थॉमस, एक दिहाड़ी मज़दूर और ड्राइवर के रूप में काम करते हैं। आर्थिक तंगी के चलते उन्हें अपनी बेटी को छात्रावास में भेजना पड़ा है, जो अब सातवीं कक्षा में पढ़ रही है। परिवार पर 2015 में यमन में एक क्लिनिक शुरू करने के लिए लिया गया लगभग 60 लाख रूपये का कर्ज भी है। यह क्लिनिक 2017 में बंद हो गया था, जिससे उनकी वित्तीय मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

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