CNG Rate Increased: दिल्ली में आईजीएल ने बढ़ाए सीएनजी के दाम

खबर सार : -
दिल्ली में सीएनजी सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी आईजीएल ने सीएनजी की कीमतों में प्रति किलोग्राम एक रुपये की बढ़ोत्तरी की है। इससे दिल्ली, हरियाणा और यूपी के जिन राज्यों में आईजीएल की कंपनी सीएनजी सप्लाई करती है, वहां सीएनजी के रेट बढ़ गये हैं।

खबर विस्तार : -

CNG: देश भऱ में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन से प्रदूषण भी अधिक फैलता है। ऐसे में लोग कंप्रेस्ड नेचुरल गैस यानी सीएनजी वाहनों को खरीदना और चलाना अधिक पसंद कर रहे हैं। अब तो टैक्सी और ट्रेवेलर्स वाले भी सीएनजी गाड़ियों को अधिक तरजीह देने लगे हैं, क्योंकि यह पेट्रोल और डीजल वाली गाड़ियों के मुकाबले किफायती होती है। इस बीच दिल्ली में सीएनजी एक बार फिर से महंगी हो गई है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड यानी आईजीएल ने सीएनजी की कीमत में एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बढ़ोत्तरी की है। इसकी वजह से दिल्ली में सीएनजी की कीमत 77.09 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है, जबकि पहले इसकी कीमत 76.09 रुपये थी।

कानपुर में CNG की कीमत 89.92 रुपये प्रति किलोग्राम

आईजीएल ने सीएनजी की कीमतों में बढ़ोत्तरी से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक की है, जिसके अनुसार कीमत में बढ़ोत्तरी हो जाने के बाद नोएडा में सीएनजी 85.70 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव में मिल रही है। गाजियाबाद में सीएनजी की कीमत 85.70 रुपये, गुरुग्राम में 83.12 रुपये, कानपुर में 89.92 रुपये और मेरठ में सीएनजी 87.08 रुपये प्रति किलोग्राम के दाम में मिल रही है। उल्लेखनीय की दिल्ली के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में सीएनजी की मार्केटिंग का काम इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) के जिम्मे है। आईजीएल की कुल सीएनजी बिक्री में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी दिल्ली की है, जबकि शेष 30 प्रतिशत सीएनजी यूपी-हरियाणा के अलग-अलग शहरों में बिकती है।

 सीएनजी इस्तेमाल करने के लाभ

कारों में सीएनजी इस्तेमाल करने के अनेकों लाभ हैं। सीएनजी ईंधन पेट्रोल और डीजल की तुलना में सस्ता है, जिससे ईंधन की लागत कम होती है। कंप्रेस्ड नेचुरल गैस पेट्रोल और डीजल के मुकाबले बहुत ही कम हानिकारक उत्सर्जन पैदा करती है, जिसकी वजह से पर्यावरण को लाभ होता है। कारों में सीएनजी का इस्तेमाल करने की वजह से इंजन की लाइफ भी बढ़ जाती है,  क्योंकि सीएनजी से चलने वाला इंजन स्वच्छ रूप से जलता है और पुर्जों पर टूट-फूट भी कम होती है। सीएनजी वाहन आमतौर पर गैसोलीन वाहनों की तुलना में कम महंगे होते हैं। उन्हें विशेष ईंधन भरने वाले उपकरणों की आवश्यकता होती है और उनके टैंकों को समय-समय पर जांचने और बदलने की आवश्यकता भी होती है। वहीं, दूसरी तरफ पेट्रोल वाली कारों को शुरू में खरीदना महंगा होता है,जबकि सीएनजी भरने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। पारंपरिक कारों के विपरीत, सीएनजी कारों का रखरखाव व्यय भी अधिक हो जाता है, लेकिन उनकी कम परिचालन लागत लंबे समय में इन अतिरिक्त खर्चों की भरपाई आसानी से कर देती है। सीएनजी का इस्तेमाल करने वाले वाहन चालकों को कुछ खास सावधानियां बरतनी भी जरूरी होती हैं। देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में कार चालकों को कभी-कभी ईंधन भरने के लिए जरूरत पर सीएनजी नहीं मिल पाती है। जिन कारों में सीएनजी लगी होती है, उनमें  सिलेंडर को कार में फिट करने से बूट स्पेस कम हो जाता है, जिसकी वजह से सामान ले जाने में समस्या हो सकती है।

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