ऑपरेशन सिंदूरः क्या यह सिर्फ एक छवि बचाने की कवायद थी?

खबर सार :-
राहुल गांधी ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' को प्रधानमंत्री की छवि बचाने की कवायद बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सरकार का पूरा समर्थन किया, फिर भी सरकार ने पाकिस्तान पर कार्रवाई की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। गांधी ने 1971 के युद्ध से तुलना करते हुए मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए और ट्रंप के सीजफायर दावों पर पीएम की चुप्पी पर भी निशाना साधा।

ऑपरेशन सिंदूरः क्या यह सिर्फ एक छवि बचाने की कवायद थी?
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो देश की उम्मीदें स्वाभाविक रूप से बढ़ गईं। लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के हालिया बयान ने इस ऑपरेशन के उद्देश्यों और परिणामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका दावा है कि विपक्ष ने इस मुश्किल घड़ी में सरकार का पूरा साथ दिया, फिर भी सरकार ने कुछ ऐसा किया जिसकी उम्मीदें जागी थीं। इससे उसकी राजनीतिक इच्छाशक्ति पर सवाल उठते हैं।

पूरे विपक्ष ने एकजुट दिया था समर्थन

राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम में हुए हमले के बाद, पूरे विपक्ष ने एकजुटता दिखाई। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सभी दल  सेना और निर्वाचित सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़े थे। यहां तक कि जब सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं की ओर से व्यंग्यात्मक टिप्पणियां आईं, तब भी विपक्ष ने संयम नहीं खोया। यह एकजुटता, उनके अनुसार, देश के लिए गर्व की बात थी। एक ऐसे समय में जब देश एक बड़े झटके से उबर रहा था, राजनीतिक मतभेदों को परे रखकर राष्ट्रहित को प्राथमिकता देना निश्चित रूप से सराहनीय कदम था।

राजनीतिक इच्छाशक्ति पर सवालिया निशान

 राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें कहा गया था कि सरकार संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाना चाहती। गांधी ने इसे राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी बताया। उनके अनुसार, यह ऐसा था जैसे सरकार ने पाक को यह संकेत दे दिया कि उनके पास जवाबी कार्रवाई करने की पूरी हिम्मत नहीं है। उन्होंने इस बात पर भी दुख व्यक्त किया कि सरकार ने पाक सैन्य ठिकानों पर हमला न करने का आदेश देकर भारतीय पायलटों के हाथ बांध दिए।
पहलगाम हमले के पीड़ितों से मिलने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए, राहुल गांधी ने उस दर्द और दुख को व्यक्त किया जो उन्होंने परिवारों में देखा। करनाल में नरवाल जी के घर जाकर उनके नौसैनिक बेटे की यादों को सुनना, और उत्तर प्रदेश में एक और परिवार से मिलकर जहां पति को पत्नी के सामने गोली मार दी गई थी, ये सभी घटनाएं हर हिंदुस्तानी को अंदर तक झकझोर देती हैं। उनके अनुसार, जो हुआ, वह बहुत गलत हुआ।

ऑपरेशन सिंदूरः प्रधानमंत्री की छवि या देश की सुरक्षा?

गांधी का सबसे तीखा हमला तब आया जब उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर का असली मकसद प्रधानमंत्री की छवि को बचाना था, न कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना। उन्होंने राजनीतिक इच्छाशक्ति और कार्रवाई की स्वतंत्रता के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, अगर सशस्त्र बलों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है, तो सरकार के पास 100 फीसदी राजनीतिक इच्छाशक्ति और पूरी तरह से कार्रवाई की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
उन्होंने 1971 के युद्ध और ऑपरेशन सिंदूर की तुलना करने के लिए राजनाथ सिंह पर भी निशाना साधा। राहुल गांधी ने याद दिलाया कि 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास अदम्य राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। उन्होंने जनरल मानेकशॉ को बांग्लादेश के साथ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पूरा समय और स्वतंत्रता दी थी, जिसके परिणामस्वरूप 1 लाख पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और एक नए राष्ट्र का उदय हुआ। यह एक ऐसा उदाहरण है जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मजबूत नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता देश की रक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

ट्रंप के दावे और प्रधानमंत्री की चुप्पी

अंत में, राहुल गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों पर सवाल उठाए जिसमें उन्होंने भारत-पाक के बीच 29 बार संघर्ष विराम कराने की बात कही थी। गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दी कि यदि ट्रंप गलत बोल रहे हैं, तो वे सदन में इस बात को स्पष्ट करें। उन्होंने इंदिरा गांधी की हिम्मत का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर मोदी में इंदिरा गांधी जैसी 50 फीसदी भी हिम्मत है, तो उन्हें सदन में यह घोषणा करनी चाहिए कि ट्रंप संघर्ष विराम को लेकर झूठ बोल रहे हैं। यह एक सीधा चुनौती भरा सवाल था जो सरकार की पारदर्शिता और कूटनीतिक रुख पर सवाल उठाता है।
यह पूरी चर्चा एक गंभीर सवाल खड़ा करती है, क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में भी राजनीतिक फायदे और छवि निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है? राहुल गांधी के आरोप अगर सही हैं, तो यह देश की सुरक्षा और उसके नागरिकों के मनोबल के लिए एक चिंताजनक संकेत है।

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