रविवार को आसमान में होगी उल्कापिंडों की बारिश, टूट-टूटकर गिरेंगे सितारे, दिखेगा अद्भुत नजारा

खबर सार :-
Geminids Meteor Shower 2025: 13 और 14 दिसंबर को आसमान में एक ऐसा नज़ारा दिखेगा जिसे आप शायद कभी नहीं भूलेंगे। भारत में लोग रात में उल्कापिंडों की बारिश देखेंगे। इस घटना को जेमिनिड उल्का बौछार कहा जाता है।

रविवार को आसमान में होगी उल्कापिंडों की बारिश, टूट-टूटकर गिरेंगे सितारे, दिखेगा अद्भुत नजारा
खबर विस्तार : -

Geminids Meteor Shower 2025: खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए रविवार का दिन बहुत खास होने वाला है। इस दिन, पूरे भारत में आसमान में एक अद्भुत नजारा दिखाई देगा। जो शायद ही आप अपनी पूरी जिंदगी में नहीं भूल पाएंगे। दरअसल, रविवार रात को आसमान में  उल्कापिंडों की बारिश दिखाई देगी। इसे जेमिनिड मेटेओर शॉवर नाम दिया गया है। इस दौरान, हर घंटे 100 से ज़्यादा उल्कापिंड दिखाई दे सकते हैं। इस उल्कापिंडों की बारिश को देखने का सबसे अच्छा समय रविवार को रात 9 बजे से सुबह तक होगा।

एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस नजारे का पूरा मजा लेने के लिए, आपको पहले बीस मिनट तक अपनी आँखों को पूरी तरह अंधेरे में रखना होगा। उसके बाद, आपको 150 से ज़्यादा उल्कापिंडों की बारिश साफ-साफ दिखेगी। लोग पहले से ही इस घटना को देखने के लिए उत्साहित हैं। हालाँकि, यह नज़ारा तभी दिखेगा जब आसमान साफ होगा। अगर बादल होंगे, तो इसे देखने के चांस कम हैं।

Geminids Meteor Shower 2025: आसमान में होगी उल्कापिंडों की बारिश

मध्य प्रदेश की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विज्ञान संचारक सारिका घारू ने शनिवार को इस खगोलीय घटना के बारे में बताया, कि यह उल्कापिंडों की बारिश मिथुन तारामंडल के सामने होगी। क्योंकि यह उल्कापिंडों की बारिश इस तारामंडल से निकलती हुई लगती है, इसलिए इसे जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश नाम दिया गया है। ज़्यादातर दूसरी उल्कापिंडों की बारिश के विपरीत, जेमिनिड उल्कापिंडों की बारिश किसी धूमकेतु से नहीं, बल्कि एक क्षुद्रग्रह, 3200 फेथॉन से जुड़ी है। यह क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने में लगभग 1.4 साल लेता है।

सारिका ने बताया कि आम लोग इन्हें टूटते तारे कहते हैं, लेकिन तारे लाखों किलोमीटर दूर होते हैं, जबकि यह उल्कापिंडों की बारिश सिर्फ 100 किमी के दायरे में होती है। इसलिए, इन्हें टूटते तारे कहना सही नहीं है।  सारिका ने बताया कि ज़्यादातर सोशल मीडिया पोस्ट में 13-14 दिसंबर की रात को इस उल्का वर्षा को देखने का समय बताया गया है, लेकिन यह समय पश्चिमी देशों के लिए है, भारत के लिए नहीं। शनिवार, 13 दिसंबर को यह "अच्छी" कैटेगरी में दिखेगा, लेकिन यह खगोलीय घटना सिर्फ़ 14 दिसंबर की रात को ही "बेहतरीन" कैटेगरी में दिखेगी।

Geminids Meteor Shower 2025: ऐसे देख पाएंगे अद्भूत नजारा

शहर की रोशनी से दूर एक सुरक्षित, अंधेरी जगह चुनें। वहां पहुंचने के बाद, अपनी आँखों को अंधेरे में एडजस्ट होने के लिए 20 मिनट दें। उल्कापिंडों की बारिश लगभग रात 9 बजे से उत्तर-पूर्व दिशा में दिखाई देगी। टेलीस्कोप या दूरबीन जैसे किसी खास उपकरण की ज़रूरत नहीं है; आसमान बस साफ और बादलों से रहित होना चाहिए। इसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
 

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