Operation Mahadev में कैसे मारे गए पहलगाम हमले के गुनाहगार...कब बना प्लान, अमित शाह ने बताई एक-एक बात

खबर सार :-
Operation Mahadev: गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार लोकसभा में बोल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में हुए ऑपरेशन महादेव के बारे में जानकारी दी। अमित शाह ने बताया कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने वाले तीनों आतंकवादी मारे गए हैं।

Operation Mahadev में कैसे मारे गए पहलगाम हमले के गुनाहगार...कब बना प्लान, अमित शाह ने बताई एक-एक बात
खबर विस्तार : -

Operation Mahadev: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा (Parliamnet Session Operation Sindoor Discussion) में भाग लिया। इस दौरान अमित शाह ने लोकसभा में घोषणा की कि 'ऑपरेशन महादेव' के ज़रिए तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया। ये सभी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले (Pahalgam Attack) में शामिल थे। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन महादेव के ज़रिए आतंकवादी सुलेमान, अफगान और जिबरान को मार गिराया। इसके साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में विपक्ष को 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी टाइमलाइन बताई।

Operation Mahadev कब शुरू हुआ

अमित शाह ने  सदन को बताया गया कि यह ऑपरेशन कब शुरू हुआ और पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी कैसे मारे गए। गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को बताया कि 23 अप्रैल को एक सुरक्षा बैठक हुई थी। सबसे पहले यह निर्णय लिया गया कि हत्यारे पाकिस्तान भागने न पाएं। हमने इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए और उन्हें भागने नहीं दिया।

 22 मई को आईबी को ह्यूमन इंटेल आई और दाचीगाम इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली। इस सूचना की पुष्टि के लिए मई से 22 जुलाई तक लगातार प्रयास किए गए। ऊंचाई पर सिग्नल पाने के लिए आईबी और सीआरपीएफ अधिकारी लगातार घूमते रहे। 22 जुलाई को हमें सफलता मिली। सेंसर के ज़रिए आतंकवादियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई। इसके बाद हमारी सेना की 4 पैरा बटालियन के नेतृत्व में सीआरपीएफ के जवानों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने मिलकर आतंकवादियों को घेरने का काम किया और 28 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के ज़रिए तीनों आतंकवादियों को मार गिराया गया।

 लोगों ने की तीनों आतंकियों की पहचान 

अमित शाह ने आगे कहा कि एनआईए ने इन तीनों आतंकवादियों को पनाह और खाना मुहैया कराने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। 28 जुलाई जब इन आतंकियों के शव श्रीनगर आए, तो उनसे इनकी पहचान करने को कहा गया, जिनमें से 4 लोगों ने पहचान लिया कि यही वो 3 लोग हैं जिन्होंने पहलगाम में आतंकी हमला किया था। लेकिन हमें इस पर भी यकीन नहीं हुआ, हमने कोई जल्दबाजी नहीं की।

पहलगाम हमले वाली जगह से मिले कारतूसों की FSL रिपोर्ट पहले ही आ चुकी थी। कल जब आतंकी मारे गए, तो उनके पास से एक अमेरिकी और दो AK-47 राइफलें मिलीं। कारतूस भी मिले। लेकिन हम इससे भी संतुष्ट नहीं थे। इन राइफलों को विशेष विमान से चंडीगढ़ भेजा गया। मिलान के बाद पुष्टि हुई कि पहलगाम हमला इन्हीं राइफलों से किया गया था।

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