बेंगलुरुः भारत के जॉब मार्केट में फ्रेशर्स और तकनीकी योग्यता रखने वाले युवाओं की जोरदार मांग बढ़ी है। इस साल जनवरी से लेकर मार्च तक 82 प्रतिशत कंपनियों ने सक्रिय रूप से नियुक्तियां की हैं, जो कि पिछली तिमाही से 03 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन-डीड की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारतीय नियोक्ता अपनी टीम का विस्तार करने में जुटे हैं। टीम में अधिकतर टेक्नोलॉजी से जुड़ी स्किल वालों और फ्रेशर्स को मौका दिया जा रहा है। कंपनियों में नए स्नातकों की अधिक मांग है, जो सभी नई नियुक्तियों की संख्या में आधे से अधिक हैं। हायरिंग को लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपर्स, डेटा एनालिस्ट और सेल्स एग्जीक्यूटिव शीर्ष भूमिकाओं के रूप में उभरे हैं।
इन-डीड की लेटेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार देश की ज्यादातर कंपनियां अपनी टीम को मजबूत करने के लिए केवल रिक्तियों को ही नहीं भर रही हैं, बल्कि वे अगले कुछ महीनों में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए टेक-फॉर्वर्ड टीम का निर्माण कर भविष्य में सुरक्षित निवेश कर रही है। रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाली कंपनी में बिक्री प्रमुख शशि कुमार के मुताबिक न्यू एज टेक कंपनियों और एआई-साइबर सुरक्षा जैसे इनोवेशन-आधारित सेक्टर से सही प्रोत्साहन के साथ, हमारे पास इस ऊर्जा को प्रभाव में बदलने का एक बेहतरीन अवसर हाथ आया है। जॉब मार्केट विकसित होने के साथ ही नियोक्ता सतर्क आशावाद के साथ आगे बढ़ रहे हैं। फ्रेशर्स को भर्ती करने की प्रक्रिया पूरी तरह से स्थिर बनी हुई है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स और एआई जैसे सेक्टर में तकनीकी भूमिकाएं निभाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ज्यादातर कंपनियां इस बारे में बहुत सोच-समझकर काम कर रही हैं कि वे किसे नियुक्त करती हैं और भविष्य के लिए तैयार टीमों को किस तरह से बेहतर बना सकती हैं। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के तहत एआई, मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे उभरते सेक्टर में प्रशिक्षित फ्रेशर्स की मांग लगातार बढ़ रही है। सरकार भी डिजिटल परिवर्तन पर फोकस कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप और बड़ी फर्में भविष्य के लिए तैयार रहने वाले कर्मचारियों की टीम बना रही हैं। इस टीम में युवा पेशेवर और तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वालों को तरजीह दी जा रही है। आंकड़ों पर गौर करें, तो नियोक्ताओं ने 2025 में इस वर्ग को औसतन 3.5 लाख रुपए प्रति वर्ष का शुरुआती वेतन दिया, जो फ्रेशर्स की उम्मीदों के काफी अनुकूल है। कंपनियों की तरफ से फ्रेशर्स के लिए अधिकांश जॉब ऑफर 3-5 लाख रुपए की रेंज में थे, क्योंकि कंपनियां युवा प्रतिभाओं में निवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 72 प्रतिशत नियोक्ताओं ने पिछले साल फ्रेशर्स के वेतन में वृद्धि की है। वित्त वर्ष 2026 को देखते हुए भर्ती परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है। यही नहीं, नियोक्ता सही कैंडिडेट्स को आकर्षित करने के लिए विभिन्न भूमिकाओं, जिम्मेदारियों और वर्क कल्चर के बारे में अधिक ट्रांसपैरेंट हो रहे हैं।
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