लखनऊ, एनसीईआरटी की किताबों में ठगी का मामला सामने आया है। यह खेल कई महीनों से चल रहा था। किताबों की चोरी और बड़े पैमाने पर कराई गई छपाई नकली बताई जा रही हैं। यानी छपाई में भी भ्रष्टाचार का खेल हो रहा है। यह मामला अंदरखाने में पहले से ही सुलग रहा था, तभी छापेमारी की करोड़ों का मामला उजागर हुआ है। सारा काम साजिश के तहत किया गया और इसमें अभी नुकसान का आंकड़ा नहीं बताया गया है। लेकिन पांच लाख से अधिक की किताबें जब्त कर ली गई हैं। जिस तरह की साजिश है, उससे स्पष्ट है कि अगले शैक्षणिक सत्र से सभी किताबों में एंटी-पाइरेसी सॉल्यूशन की व्यवस्था से इंकार नहीं किया जा सकता है।
धीरे-धीरे जब मामला मीडिया में उछलने लगा तो जल्द ही किताबों को जब्त कर लिया गया। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआर टी ने अब सख्त रूख अपनाया है। क्योंकि इससे एनसीईआरटी के खिलाफ माहौल खराब होता जा रहा था। बता दें कि पिछले 14 महीनों में एक बड़ा अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान 5 लाख से अधिक नकली एनसीईआरटी की किताबें पाई गई थीं। इसके अलावा अन्य सामग्री में प्रिंटिंग मशीन और पेपर जब्त की गई हैं। इन वस्तुओं में करीब 20 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है। विभागीय सख्ती के कारण ही अब तक 29 रिपोर्ट दर्ज की गई हैं। मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों तक तो पहले से ही पहुंच चुकी थी, लेकिन बाद में चर्चा में प्रकरण आने पर कई जगहों पर छापेमारी की गई।
एनसीईआरटी और उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब छापा मारा तो मुजफ्फरनगर के एक गोदाम में एनसीईआरटी की करीब 1.5 लाख से अधिक नकली किताबें पाई गईं। इसी छापे के दौरान ही एक ट्रक, दो कारें और बड़ी संख्या में प्रिंटिंग प्लेट भी बरामद की गई थी। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इसके अलावा हरियाणा के समालखा में भी ऐसा ही मामला आया है। यहां एक प्रिंटिंग प्रेस पर छापा डाला गया तो एनसीईआरटी की किताबों की छपाई में इस्तेमाल की गई मशीनें, किताबें और प्लेटें मिली हैं। इनको जब्त कर लिया गया है। किताबें तैयार कराने में किसका हाथ है? अभी यह खुलासा होना बाकी है। एनसीईआरटी वॉटरमार्क वाला कागज यहां बन रहा था।
कानपुर एनसीईआरटी ने आईआईटी की विकसित की गई तकनीक पर आधारित एंटी-पाइरेसी सॉल्यूशन की शुरुआत कर रही है, इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। काला कारोबार पकड़ने के लिए एनसीईआरटी ने किताबों की छपाई और कागज की गुणवत्ता में सुधार, पुस्तकों की उपलब्धता आदि को ध्यान में रखकर काम करेगा। यद्यपि खामियां के लिए एनसीईआरटी भी जिम्मेदार है।
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