Operation Sindoor के बाद भारत-पाक तनाव पर अमेरिका की पैनी नजर, हालात बेहद संवेदनशील

खबर सार : -
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना द्वारा पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद अमेरिका ने हालात पर बारीकी से नजर रखने की बात कही है। जनरल क्लार्क और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों ने तनाव कम करने की इच्छा जताई।

खबर विस्तार : -

Operation Sindoor: जैसे-जैसे भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कार्रवाई की परतें खुल रही हैं, वैश्विक मंच पर प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला भी तेज हो गई है। अमेरिकी सेना ने इस मामले में गहरी रुचि लेते हुए कहा है कि वह हालात पर बेहद बारीकी से नजर बनाए हुए है और किसी भी संभावित तनाववर्धन से पहले सभी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है।

स्थिति बेहद संवेदनशील, नजरें टिकी हैं : जनरल क्लार्क

अमेरिकी सेना के प्रशांत क्षेत्र के कमांडिंग जनरल रोनाल्ड क्लार्क ने स्पष्ट किया कि भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई के बाद, अमेरिका किसी भी जल्दबाज़ी में टिप्पणी नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, “अभी कुछ कहना पूर्वानुमान होगा, लेकिन हम अपने मुख्यालय और इंडो-पैसिफिक कमान (यूएस इंडो पैकोम) के साथ संपर्क में हैं। स्थिति को बारीकी से देखा जा रहा है क्योंकि क्षेत्रीय संतुलन की संवेदनशीलता बेहद अहम है।” हवाई स्थित यूएस इंडो पैकोम, अमेरिका की छह एकीकृत लड़ाकू कमानों में से एक है, जो प्रशांत क्षेत्र में सैन्य संतुलन बनाए रखने के लिए अहम भूमिका निभाता है। यह वही कमान है जो भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया में किसी भी सैन्य हलचल पर अमेरिका की रणनीतिक प्रतिक्रिया तय करती है।

Operation Sindoor:  सटीक, तीखा और निर्णायक हमला

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई थी। मंगलवार देर रात भारतीय वायुसेना और सेना के संयुक्त ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत पीओके और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकवाद के नौ सक्रिय अड्डों को मिसाइलों और ड्रोन हमलों से ध्वस्त कर दिया गया। इस ऑपरेशन को अत्यधिक गोपनीयता में अंजाम दिया गया और कहा जा रहा है कि यह सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं अधिक प्रभावशाली था, जिसकी रणनीति पिछले दो सप्ताहों में ही बनाई गई थी।

ट्रंप ने जताई चिंता और मध्यस्थता की पेशकश

इस सैन्य कार्रवाई के ठीक बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी स्थिति पर चिंता जताई। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ चल रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। मेरी इच्छा है कि मैं दोनों को साथ लाकर कुछ समाधान निकाल सकूं। मैं उन्हें अच्छे से जानता हूं और हमारी दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं।” ट्रंप ने यह भी कहा कि वह किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हैं, बशर्ते दोनों पक्ष चाहें। उनके अनुसार, दोनों देशों ने हाल के वर्षों में “जैसे को तैसा” की नीति अपनाई है, लेकिन अब समय आ गया है कि यह रवैया थमे। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका यदि इस मुद्दे पर आगे कूटनीतिक पहल करता है, तो दक्षिण एशिया में एक नया संतुलन स्थापित हो सकता है।

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