America से मिली नेपाल को बड़ी राहत, नहीं रुकेंगे ये काम

Summary : अमेरिकी सरकार ने विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता रोकने के अपने फैसले में मिलेनियम चैलेंज कॉम्पैक्ट (एमसीसी) परियोजना को भी रोक दिया था। अमेरिका ने अब 55 मिलियन डॉलर की इस वित्तीय सहायता परियोजना के कुछ हिस्सों को जारी रखने का निर्देश दिया है।

काठमांडू: अमेरिकी सरकार ने विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता रोकने के अपने फैसले में मिलेनियम चैलेंज कॉम्पैक्ट (एमसीसी) परियोजना को भी रोक दिया था। अमेरिका ने अब 55 मिलियन डॉलर की इस वित्तीय सहायता परियोजना के कुछ हिस्सों को जारी रखने का निर्देश दिया है। 

जारी किया गया टेंडर

यह जानकारी एमसीसी नेपाल ने रविवार को जारी एक बयान में दी। अपने बयान में एमसीए नेपाल ने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में नेपाल के कार्यालय को संचालित करने और कुछ सामग्री खरीदने की अनुमति दी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद यूएसएआईडी ने नेपाल में एमसीसी की सभी परियोजनाओं और नेपाल में उसके कार्यालय को बंद करने का निर्देश दिया था। 

एमसीसी अमेरिका की बैठक में लिए गए निर्णयों के बाद एमसीसी नेपाल चैप्टर ने जानकारी दी है कि काठमांडू में उसके कार्यालय को फिर से संचालित करने और निविदा परियोजना में खरीद प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी गई है। एमसीसी अमेरिका द्वारा 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता से नेपाल में दो अंतरराष्ट्रीय बिजली ट्रांसमिशन लाइनों का निर्माण किया जा रहा था। एमसीसी नेपाल के प्रवक्ता पुष्कर माथेमा ने बताया कि नए निर्देश के बाद ट्रांसमिशन लाइन निर्माण के लिए जो टेंडर जारी किया गया है, उसका अग्रिम भुगतान कर सामग्री क्रय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। 

भारत के साथ भी नेपाल का समझौता

एक अन्य नए टेंडर का परिणाम भी घोषित किया जाएगा, जो पहले ही जारी हो चुका है और अमेरिकी सरकार के अचानक लिए गए फैसले के कारण उसे बीच में ही रोकना पड़ा था। एमसीसी नेपाल ने भारत की ट्रांसरेल कंपनी के साथ 18 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बनाने के लिए समझौता किया है। इस समझौते के तहत अगस्त 2024 में नेपाल से भारत की सीमा तक 18 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जाएगा, ताकि नेपाल में उत्पादित बिजली को भारत भेजा जा सके। 

नेपाल और भारत के बीच 10 साल में 10 हजार मेगावाट बिजली भेजने का समझौता है। लेकिन नेपाल में उच्च क्षमता वाली ट्रांसमिशन लाइनों की कमी के कारण समझौते पर अमल नहीं हो सका। भारत तीन उच्च क्षमता वाली नई ट्रांसमिशन लाइनों और तीन पुरानी ट्रांसमिशन लाइनों की क्षमता बढ़ाने में सहयोग कर रहा है।
 

अन्य प्रमुख खबरें