India-Russia anti terrorism cooperation : पुतिन ने पहलगाम हमले पर भारत का समर्थन किया

खबर सार : -
India-Russia anti terrorism cooperation: पहलगाम आतंकी हमले पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भारत का समर्थन किया, इसे क्रूर अपराध बताया। मोदी ने पुतिन को भारत में शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। भारत-रूस आतंकवाद के खिलाफ एकजुट।

खबर विस्तार : -

India-Russia anti terrorism cooperation: मॉस्को-नई दिल्ली के बीच एक टेलीफोनिक वार्ता के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुई वीभत्स आतंकी घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के संघर्ष में रूस की पूर्ण समर्थन की बात दोहराई। दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर सहमति जताई और आतंकवाद के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प दोहराया ।

पहलगाम के बिसारन मैदान में हुआ था आतंकी हमला

बीती 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बिसारन मैदान में हुये आतंकी हमले में 26 भारतीय और विदेशी पर्यटकों की दर्दनाक मौत हुई तथा लगभग 17 लोग घायल हो गए थे। हमलावरों ने गोरखा वर्दी पहनकर अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी, जिससे वहाँ की वादियों के सौन्दर्य में खून की छींटे लगी और माहौल दहशत भरा हो गया। इस हमले के तुरंत बाद भारत ने पाकिस्तान पर इसमें शामिल होने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। दोनों देश सीमा पर उच्च सतर्कता बरत रहे हैं और क्षेत्र में सैन्य तनाव की स्थितियाँ बनी हुई हैं। वार्ता में पुतिन ने स्पष्ट किया कि “आतंकवाद किसी भी सभ्य समाज के लिए स्वीकार्य नहीं” और रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत के हर संभव सहयोग (india-russia anti terrorism coorporation) को प्राथमिकता देगा। उन्होंने आतंकियों और उनके समर्थकों को जल्द से जल्द न्याय के दायरे में लाने की वकालत की।

मोदी ने पुतिन को दिया भारत आने का न्यौता

प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के इस मुल्क के तेवर और संवेदनशील रुख के लिए धन्यवाद किया तथा दोनों देश रक्षा, खुफिया साझेदारी और उच्चस्तरीय वार्ता को और तेज करने के पक्ष में राय व्यक्त की। मोदी ने इस साल भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में पुतिन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने की भी बात कही, जिसे रूस ने सकारात्मक संकेत माना। विश्लेषकों के अनुसार, इस फोन कॉल से साफ संदेश गया है कि भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मोर्चे पर एकजुट हैं। दोनों देश न केवल आतंक के मामलों में सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ाएंगे, बल्कि नई काउंटर-टेरर तकनीकों, सैन्य आपूर्ति और सीमा सुरक्षा उपकरणों पर भी सहयोग को तेज करेंगे। आगामी शिखर सम्मेलनों में इन पहलों पर और विवरण सामने आने की उम्मीद है।

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