Hafiz Saeed का राइट हैंड आतंकी हमजा पर चली गोली, अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती

खबर सार :-
हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है और न ही पाक सुरक्षा एजेंसियों ने तक कोई आधिकारिक बयान जारी किया है।

Hafiz Saeed का राइट हैंड आतंकी हमजा पर चली गोली, अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती
खबर विस्तार : -

लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर से एक सनसनीखेज खबर आ रही है। विश्व में कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सह-संस्थापक और हाफ़िज़ सईद के करीबी सहयोगी आमिर हमजा को कुछ अज्ञात हमलावरों ने गोलियों से भून दिया है। फिलहाल उसे गंभीर अवस्था में लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
फिलहाल हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी संगठन ने नहीं ली है और न ही पाक सुरक्षा एजेंसियों ने तक कोई आधिकारिक बयान जारी किया है।

कौन है आमिर हमजा?

आमिर हमजा की पहचान केवल आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के सह-संस्थापक के तौर पर ही नहीं है, बल्कि हमजा वर्षों से भारत विरोधी अभियानों का मास्टरमाइंड रहा है। उसने कश्मीर में होने वाली कई आतंकी घटनाओं का संचालन किया है। हमजा को हाफ़िज़ सईद और अब्दुल रहमान मक्की का खास माना जाता है, दोनों को संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया है।

अमेरिका ने भी हमजा को आतंकी सूची में रखा

अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने भी आमिर हमजा को विशेष रूप से आतंकी सूची में नामित किया है और उस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की जा चुकी है। वह लश्कर के केंद्रीय सलाहकार समिति का भी हिस्सा रहा है और संगठन के कई विदेशी नेटवर्कों को जोड़ने और प्रचार करने में भूमिका निभाता रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बीच यह हमला क्यों अहम है?
भले ही भारत ने पाक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर फिलहाल स्थगित किया हो लेकिन पाक में आतंकी नेटवर्क पर सिलसिलेवार हमले जारी हैं। हाल ही में लश्कर के एक और शीर्ष आतंकी सैफुल्ला को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। अब आमिर हमजा पर यह हमला इस बात की ओर संकेत करता है कि पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकी चेहरों को चुपचाप निशाना बनाया जा रहा है।

लश्कर के भीतर की हलचल और साजिश की संभावना

कुछ विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के भीतर की गुटबाज़ी या फिर सुरक्षा एजेंसियों के साथ गुप्त समझौतों का परिणाम हो सकता है। इस बात की भी संभावना है कि हमजा की किसी पुराने दुश्मन या प्रतिद्वंद्वी गुट ने यह हमला करवाया हो। कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि अन्तरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान खुद ही उन लोगों को रास्ते से हटा रहा है जो उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिन्दगी का कारण बन सकते हैं। 

प्रचारक से प्रमुख रणनीतिकार बनने का सफर

आमिर हमजा न सिर्फ लश्कर का सह-संस्थापक है, बल्कि वह 2010 तक स्मज् के विश्वविद्यालय ट्रस्ट का पदाधिकारी रहा। उसने लंबे समय तक लश्कर का प्रचार और भर्ती अभियान चलाया। वह उन चुनिंदा नेताओं में से एक था जो लश्कर के गिरफ्तार सदस्यों की रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार से बातचीत करता था।

क्या यह आतंकी नेटवर्क के अंत की शुरुआत है?

आमिर हमजा पर हुआ यह हमला पाक में सक्रिय आतंकी नेटवर्क के भीतर गहराते संकट को सतह पर ला रहा है। चाहे यह किसी विदेशी एजेंसी का ऑपरेशन हो या आतंकी गुटों के आपसी टकराव का नतीजा, इतना तो तय है कि भारत-विरोधी आतंकी चेहरों की गिनती तेजी से कम हो रही है। आमिर हमजा की मौत या बचाव, दोनों ही स्थितियाँ दक्षिण एशिया की आतंकवाद विरोधी रणनीति को एक नया मोड़ दे सकती हैं।

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