उत्तर प्रदेश में सहायक प्रोफेसर परीक्षा में धोखाधड़ी का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

Summary : उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग, प्रयागराज द्वारा आयोजित सहायक प्रोफेसर परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तर प्रदेश ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 20 अप्रैल, 2025 को हुई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग, प्रयागराज द्वारा आयोजित सहायक प्रोफेसर परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तर प्रदेश ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी 20 अप्रैल, 2025 को हुई। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक गिरोह 16 अप्रैल, 2025 और 17 अप्रैल, 2025 को उत्तर प्रदेश शिक्षा चयन आयोग, प्रयागराज द्वारा आयोजित सहायक प्रोफेसर परीक्षा के फर्जी प्रश्न पत्र बनाकर अभ्यर्थियों से ठगी कर रहा है। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए, एसटीएफ ने वेव मॉल के पीछे, पॉलिटेक्निक ओवरब्रिज के पास से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया।

अभ्यर्थियों से भारी मात्रा में वसूला था धन 

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान बैजनाथ पाल (48 वर्ष), विनय कुमार पाल (38 वर्ष) और महबूब अली (43 वर्ष) के रूप में हुई है। बैजनाथ पाल लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा में राजनीति शास्त्र के सहायक प्रोफेसर हैं।
तलाशी के दौरान, पुलिस ने आरोपियों के पास से 12,00,000/- रुपये (मुकदमे से संबंधित), 5,740/- रुपये, दो एडमिट कार्ड, एक वैगनआर कार, तीन आधार कार्ड और तीन मोबाइल फोन बरामद किए।
पूछताछ में, बैजनाथ पाल ने खुलासा किया कि उन्होंने महबूब अली द्वारा तैयार किए गए फर्जी प्रश्न पत्र देकर उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में सहायक प्रोफेसर पद के अभ्यर्थियों से भारी मात्रा में धन वसूला था। उन्होंने कपिल कुमार और सुनील कुमार को प्राणी विज्ञान का पेपर देने का वादा किया था और इसके लिए एक प्रश्न पत्र तैयार करके अपने भाई विनय पाल से कपिल कुमार को पढ़वाया था। बाद में, उन्होंने सबूत मिटाने के लिए कपिल से पेपर वापस ले लिया और जला दिया।

पैसा वापसी को लेकर हुआ था विवाद

बैजनाथ ने कपिल और सुनील से लगभग 12 लाख रुपये लिए थे, जबकि प्रति व्यक्ति 35 लाख रुपये की बात तय हुई थी। परीक्षा के बाद, कपिल और सुनील ने अपने पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए, क्योंकि बैजनाथ द्वारा दिए गए प्रश्न पत्र में से अधिकांश प्रश्न परीक्षा में नहीं आए थे। बैजनाथ ने बताया कि बरामद किए गए 10 लाख रुपये उनके हिस्से के थे, जो कपिल और सुनील ने उनके भाई विनय पाल को रायबरेली में प्रश्न पत्र देने के नाम पर दिए थे। शेष 2 लाख रुपये में से 1 लाख रुपये महबूब अली और 1 लाख रुपये विनय के थे। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना विभूतिखंड, लखनऊ में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की आगे जांच कर रही है।
 

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