Sepreme Court Big Decision: दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर नहीं लगेगी रोकः सुप्रीम कोर्ट

खबर सार :-
सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहन मालिकों पर किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई न किए जाने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया। इसे दिल्ली के नागरिकों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

Sepreme Court Big Decision: दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर नहीं लगेगी रोकः सुप्रीम कोर्ट
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए दिल्ली-एनसीआर में 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई को रोकने का निर्णय लिया है। यह आदेश दिल्ली सरकार के अनुरोध पर दिया गया, जिसमें पुराने वाहनों पर लगाए गए प्रतिबंधों की समीक्षा करने की मांग की गई थी।

सीजेआई के नेतृत्व में तीन जजों की पीठ ने सुनाया फैसला 

दिल्ली सरकार ने 26 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उसने पुराने वाहनों पर लगे प्रतिबंध को फिर से परखने का अनुरोध किया था। दिल्ली सरकार का तर्क था कि वर्तमान नीति विशेष रूप से मध्यम वर्ग के नागरिकों पर अनुचित दबाव डाल रही है, क्योंकि ये लोग पुरानी गाड़ियों के बदलने की स्थिति में नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एन. वी. अंजारिया शामिल थे, ने दिल्ली सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया कि 10 से 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के मालिकों पर किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

दिल्ली सरकार ने की थी पुनर्विचार की मांग

दिल्ली सरकार ने इस मामले में 2018 के नियम पर पुनर्विचार करने की मांग की थी, जिसमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार ने यह भी कहा कि बीएस-6 वाहनों से प्रदूषण कम होता है, और अगर पुरानी गाड़ियों की उम्र के बजाय उत्सर्जन दर और फिटनेस के आधार पर फैसला किया जाए, तो यह अधिक प्रभावी होगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्तों के भीतर इस मामले में जवाब देने का निर्देश दिया है। यह आदेश दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि अब वे अपने पुराने वाहनों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई से बचने में सक्षम होंगे। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और पुराने वाहनों के प्रदूषण के प्रभाव को लेकर क्या नया समाधान प्रस्तुत करती है।

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