US tariff: अमेरिकी टैरिफ ने हरियाणा के हैंडलूम निर्यातकों की बढ़ाई चिंता

Summary : US tariff: अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ ने हरियाणा के हैंडलूम निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा के पानीपत (Panipat) से निर्यात होने वाला हैंडलूम उद्योग सालाना करीब 20 हजार करोड़

US tariff: अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ ने हरियाणा के हैंडलूम निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा के पानीपत (Panipat) से निर्यात होने वाला हैंडलूम उद्योग सालाना करीब 20 हजार करोड़ रुपये का है, जिसमें से करीब 50 फीसदी हैंडलूम सामान अकेले पानीपत से अमेरिका को निर्यात होता है। अब अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का असर यहां के हैंडलूम उद्योग पर देखने को मिल रहा है।

US tariff: अमेरिका जाने वाले ऑर्डर हो रहे कैंसिल

पानीपत इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रधान विनोद धमीजा का कहना है कि पानीपत से अमेरिका जाने वाले वित्तीय तिमाही के ऑर्डर कैंसिल होने लगे हैं, क्योंकि अमेरिका ने 5 अप्रैल तक डिलीवर होने वाले सामान पर 10 फीसदी टैक्स लगा दिया है और वहां की सरकार ने 6 अप्रैल से डिलीवर होने वाले सामान पर 26 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है। इससे पानीपत का 50 फीसदी हैंडलूम उद्योग प्रभावित होगा।

US tariff: पानीपत से करीब 50 फीसदी माल अमेरिका होता है निर्यात

अभि होम के सीईओ अभिज पालीवाल ने बताया कि पानीपत से करीब 50 फीसदी माल अमेरिका निर्यात होता है। अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से पानीपत हैंडलूम उद्योग को 25 फीसदी नुकसान होने की संभावना है, क्योंकि साल में चार सीजन होते हैं। यह माल इस सीजन के तीन महीने के सीजन के ऑर्डर पर तैयार किया गया था, फिर भी कई ऑर्डर कैंसिल होने लगे हैं।

 उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में अमेरिकी सरकार से बात करनी चाहिए और इस समस्या का स्थाई समाधान निकालना चाहिए, अन्यथा पानीपत का विश्व प्रसिद्ध हैंडलूम उद्योग संकट में पड़ सकता है।  अगर टैरिफ खत्म नहीं किया गया तो पानीपत के निर्यातक उन देशों में अपना उद्योग लगाने को मजबूर होंगे, जिन्हें इस टैरिफ से बाहर रखा गया है। 

अमेरिका तक माल पहुंचने में लगाता डेढ़ महीने का समय

डायमंड एक्सपोर्ट के सीईओ सुनील वर्मा के अनुसार अभी यह स्थिति स्पष्ट नहीं है, क्योंकि टैक्स यहां डिस्पैच की तारीख से लागू होगा या वहां पहुंचने की तारीख से। क्योंकि पानीपत से अमेरिका तक माल पहुंचने में एक से डेढ़ महीने का समय लगता है, जिससे असमंजस की स्थिति बनती है। इसलिए पानीपत के निर्यातकों ने ऑर्डर होल्ड कर दिए हैं। अभी उन्होंने माल का निर्माण भी बंद कर दिया है, जिसका असर यहां के मजदूरों पर भी पड़ेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी।

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