18 हजार बिजली संविदा कर्मियों के वेतन पर संकट, जानें क्या है वजह

खबर सार : -
बिजली विभाग के 18 हजार से अधिक संविदा कर्मियों के अप्रैल माह के वेतन पर संकट मंडरा रहा है। स्मार्ट फोन न होने से संविदा कर्मी फेशियल अटेंडेंस ऐप पर पंजीकरण नहीं कर पा रहे हैं। विद्युत विभाग की ओर से संविदा कर्मियों के लिए फेशियल अटेंडेंस की व्यवस्था अनिवा

खबर विस्तार : -


लखनऊ। मध्यांचल डिस्कॉम के 19 जनपदों में कार्यरत बिजली संविदा कर्मियों के अप्रैल माह के वेतन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। संविदा कर्मियों के वेतन पर संकट की वजह फेशियल अटेंडेंस ऐप बन रहा है। मध्यांचल प्रबंधन ने आदेश जारी किया है कि अप्रैल माह के अंत तक अगर संविदा कर्मी फेशियल ऐप पर पंजीकरण नहीं करेंगे तो उनका वेतन नहीं जारी होगा।

मध्यांचल डिस्कॉम के 19 जनपदों में 18 हजार से अधिक संविदा कर्मी बिजली घरों और कार्यालयों में कार्यरत हैं। संविदा कर्मियों के वेतन पर हर माह 35 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि खर्च की जा रही है। संविदा कर्मी ड्यूटी पर आ रहे हैं अथवा नहीं, इसका लेखा-जोखा नहीं है। इसको देखते हुए प्रबंधन ने संविदा कर्मियों के लिए फेशियल अटेंडेंस की व्यवस्था अनिवार्य कर दी है।

इस ऐप पर पंजीकरण के बाद चेहरा दिखाकर संविदा कर्मियों की अटेंडेंस लगेगी और इसका पूरा ब्यौरा मध्यांचल डिस्कॉम के सर्वर पर आ जाएगा। वहीं ऐप को लेकर पुरजोर विरोध भी शुरू हो गया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि ऐप सुरक्षित नहीं है। वरिष्ठ अफसर निजी फायदे के लिए ऐप पर पंजीकरण का दबाव बना रहे हैं। ऐप को बैंकों द्वारा प्रतिबंधित कर रखा गया है। ऐसे में पंजीकरण के बाद किसी कर्मी को आर्थिक नुकसान हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? 

स्मार्ट फोन ही नहीं कैसे हो पंजीकरण 

फेशियल अटेंडेंस अनिवार्य कर देने का आदेश ऐसे संविदा कर्मियों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है, जिनके पास स्मार्ट फोन ही नहीं है। स्मार्ट फोन न होने के चलते ऐसे संविदा कर्मी पंजीकरण करें तो कैसे? प्रदेश भर में ऐसे संविदा कर्मियों की संख्या 20 हजार से अधिक है। विद्युत संविदा मजदूर संगठन ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से मुलाकात कर फेशियल अटेंडेंस ऐप की तकनीकी खामियों को दूर करने का अनुरोध किया। साथ ही अप्रैल माह का वेतन फेशियल अटेंडेंस ऐप के माध्यम से न देने की भी अपील की। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि संविदा कर्मियों को अपने फोन में ही ऐप डाउनलोड कर अटेंडेंस लगानी है। ऐसे में जिन कर्मचारियों के पास स्मार्ट फोन ही नहीं है तो वह कैसे अटेंडेंस भर पाएंगे।
 

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