सीएमओ ने कुड़वार सीएचसी में मातृत्व सेवाओं का किया निरीक्षण, दिए निर्देश

खबर सार :-
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया इस दौरान उन्होंने अस्पताल परिसर की साफ-सफाई का बारीकी से जायजा लिया और  गर्भवती महिलाओं की खास निगरानी और उचित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

सीएमओ ने कुड़वार सीएचसी में मातृत्व सेवाओं का किया निरीक्षण, दिए निर्देश
खबर विस्तार : -

सुल्तानपुर : मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भारत भूषण ने सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसयूवी) के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कुड़वार का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य जाँच, दवा वितरण, प्रयोगशाला जाँच और अस्पताल परिसर की साफ़-सफ़ाई का बारीकी से जायज़ा लिया।

गर्भवती महिलाओं के उचित उपचार के निर्देश

निरीक्षण के समय कुल 48 मरीज़ पंजीकृत थे, जिनमें से 10 गर्भवती महिलाओं ने स्वास्थ्य जाँच कराई। इनमें से दो महिलाएँ उच्च जोखिम श्रेणी में पाई गईं। विशेष चिंता व्यक्त करते हुए, सीएमओ ने प्रभारी अधीक्षक डॉ. वेदांत को इन गर्भवती महिलाओं की निरंतर निगरानी करने और उन्हें निःशुल्क एवं प्राथमिकता के आधार पर उपचार प्रदान करने के निर्देश दिए।

डॉ. भारत भूषण ने कहा, "प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का प्राथमिक उद्देश्य मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।" उन्होंने आगे कहा कि गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच और समय पर चिकित्सा परामर्श महिलाओं और नवजात शिशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

निरीक्षण के दौरान, सीएमओ ने अस्पताल कर्मचारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मरीजों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के महत्व पर बल दिया।

स्थानीय लोगों ने की औचक निरीक्षण की तारीफ

स्थानीय ग्रामीणों ने भी सीएमओ के औचक निरीक्षण का स्वागत करते हुए कहा कि इससे स्वास्थ्य कर्मियों की जवाबदेही बढ़ेगी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जाँच की जाती है। इस दिन विशेषज्ञ डॉक्टर ग्रामीण इलाकों में पहुँचकर मुफ्त परामर्श, अल्ट्रासाउंड, रक्त परीक्षण और आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध कराते हैं।

यह अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, जमीनी स्तर पर कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं—जैसे जागरूकता की कमी, जाँच केंद्रों की दूरी और कुछ क्षेत्रों में संसाधनों की सीमित उपलब्धता। अगर विभाग इन मुद्दों पर ध्यान दे, तो मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार संभव है।

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