चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर किसान दिवस का आयोजन

खबर सार :-
अखिलेश यादव के निर्देश पर, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती आज शाहजहांपुर जिले के बिजलीपुरा में समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय में "किसान दिवस" ​​के रूप में मनाई गई।

चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती पर किसान दिवस का आयोजन
खबर विस्तार : -

शाहजहांपुर: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की 123वीं जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी द्वारा “किसान दिवस” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर जनपद शाहजहांपुर के बिजलीपुरा स्थित सपा जिला कार्यालय में आयोजित हुआ। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके किसान हितैषी विचारों को याद किया।

चौधरी चरण सिंह के जीवन पर हुई विस्तार से चर्चा

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष एवं पूर्व चेयरमैन तनवीर खान ने की। आयोजित गोष्ठी में चौधरी चरण सिंह के जीवन संघर्ष, उनके द्वारा किसानों के अधिकारों के लिए किए गए कार्यों और वर्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों, मजदूरों और गरीब वर्ग के हितों को प्राथमिकता दी और उनके सशक्तिकरण के लिए नीतिगत फैसले लिए।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक राजेश यादव, पूर्व मंत्री अवधेश कुमार वर्मा, जिला महासचिव रणंजय सिंह, अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश प्रमुख सैयद रिजवान अहमद, प्रदेश सचिव विजय सिंह, प्रदेश सचिव रामसूरत यादव सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का पूरा जीवन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष और ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने के लिए समर्पित रहा।

बीजेपी की नीतियों को बताया सरकार विरोधी

नेताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान भाजपा सरकार की नीतियाँ किसान, नौजवान और गरीब विरोधी हैं। किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, खाद, बीज और सिंचाई की समस्याएँ लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में चौधरी चरण सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाजवादी पार्टी उन्हीं आदर्शों पर चलकर किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है।

कार्यक्रम के अंत में सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चौधरी चरण सिंह के आदर्शों को अपनाकर किसानों और गरीबों के उत्थान के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। साथ ही भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में आगामी “जेल भरो आंदोलन” की तैयारी करने की घोषणा भी की गई।

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