दिल्ली एनसीआरः प्रदूषण की मार से जनता बेहाल, दिसंबर भर रेड जोन में रही हवा

खबर सार :-
एनसीआर में दिसंबर भर जारी वायु प्रदूषण ने स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर डाला है। लगातार रेड जोन में बनी हवा बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए गंभीर खतरा है। जब तक ठोस कदम और मौसम में बदलाव नहीं होता, तब तक लोगों को सावधानी और सतर्कता के साथ ही दिनचर्या निभानी होगी।

दिल्ली एनसीआरः प्रदूषण की मार से जनता बेहाल, दिसंबर भर रेड जोन में रही हवा
खबर विस्तार : -

Delhi-NCR Pollution: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में दिसंबर का महीना वायु प्रदूषण के लिहाज से बेहद भयावह साबित हुआ है। पूरे महीने लोगों को साफ हवा के लिए तरसना पड़ा। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार रेड जोन और कई इलाकों में सीवियर श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के अधिकतर निगरानी केंद्रों पर हालात एक जैसे रहे, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

दिल्ली की हवा बनी जानलेवा

दिल्ली के कई इलाकों में AQI बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। नेहरू नगर में 392, पुसा (DPCC) में 383, मुंडका में 378, ओखला फेज-2 में 374 और विवेक विहार में 373 AQI रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा वजीरपुर, रोहिणी और पंजाबी बाग में भी स्थिति गंभीर बनी रही। नरेला, नजफगढ़, शादिपुर और नॉर्थ कैंपस डीयू जैसे इलाकों में भी हवा रेड जोन से बाहर नहीं निकल सकी।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हालत भी खराब

दिल्ली से सटे नोएडा में भी प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं। सेक्टर-1 में AQI 392, सेक्टर-116 में 357 और सेक्टर-125 में 349 दर्ज किया गया। सेक्टर-62 में AQI 296 रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। वहीं ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में 354 और नॉलेज पार्क-3 में 321 AQI दर्ज किया गया।

गाजियाबाद में भी राहत नहीं

गाजियाबाद में भी प्रदूषण के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वसुंधरा में AQI 371, संजय नगर में 335, लोनी में 270 और इंदिरापुरम में 240 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्तर लंबे समय तक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है।

मौसम और कोहरे ने बढ़ाई परेशानी

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में प्रदूषण से राहत की संभावना कम है। 24 और 25 दिसंबर को मध्यम कोहरा, जबकि 26 दिसंबर को घना कोहरा पड़ने का अनुमान है। अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम 7 से 9 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। आर्द्रता 95 से 100 प्रतिशत तक रहने से प्रदूषक कण वातावरण में फंसे रहेंगे।

स्वास्थ्य और शिक्षा पर असर

प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सांस, खांसी, आंखों में जलन और अस्थमा के मरीजों की संख्या 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है। हालात को देखते हुए एनसीआर के कई स्कूलों में हाइब्रिड और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं चल रही हैं। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर न निकलने की सलाह दी है।

वायु प्रदूषण से बचने के 10 प्रमुख और प्रभावी उपाय

  • मास्क का नियमित उपयोग करें

 बाहर निकलते समय N95 या अच्छे क्वालिटी वाले मास्क का प्रयोग करें, जिससे सूक्ष्म प्रदूषक कण सांस के जरिए शरीर में न जाएं।

  • अनावश्यक बाहर निकलने से बचें

खासकर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, घर में रहना बेहतर होता है।

  • घर के अंदर की हवा साफ रखें

खिड़की-दरवाजे जरूरत के अनुसार ही खोलें और घर में धूल-मिट्टी जमने न दें।

  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें

बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को प्रदूषित वातावरण से दूर रखें।

  • धूम्रपान से पूरी तरह बचें

सिगरेट या किसी भी प्रकार का धुआं प्रदूषण को और बढ़ाता है तथा फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

  • पानी और तरल पदार्थ अधिक पिएं

पर्याप्त पानी पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलने में मदद मिलती है।

  • घर में पौधे लगाएं

एलोवेरा, मनी प्लांट, तुलसी जैसे पौधे हवा को शुद्ध रखने में सहायक होते हैं।

  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें

विटामिन-C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल-सब्जियां शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं।

  • भारी व्यायाम खुले में न करें

प्रदूषण ज्यादा होने पर खुले स्थानों में दौड़ने या भारी एक्सरसाइज से बचें।

  • स्वास्थ्य लक्षणों को नजरअंदाज न करें

सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन या लगातार खांसी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

इन उपायों को अपनाकर एयर प्रदूषण के दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

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