खनन माफिया की दबंगई, पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल, ओबरा खनन क्षेत्र में कवरेज के दौरान जान से मारने की धमकी, थाने में शिकायत दर्ज

खबर सार :-
ओबरा खनन क्षेत्र में अवैध खनन की कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों को जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया है। पीड़ित पत्रकारों ने ओबरा थाने में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

खनन माफिया की दबंगई, पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल, ओबरा खनन क्षेत्र में कवरेज के दौरान जान से मारने की धमकी, थाने में शिकायत दर्ज
खबर विस्तार : -

सोनभद्र : जनपद के ओबरा खनन क्षेत्र से एक गंभीर और लोकतंत्र के लिए चिंताजनक मामला सामने आया है। अवैध खनन से जुड़ी खबरों का संकलन करने पहुंचे पत्रकारों को खुलेआम जान से मारने की धमकी दिए जाने का आरोप लगा है। घटना के बाद पीड़ित पत्रकारों ने ओबरा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराकर सुरक्षा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र के चर्चित कृष्ण माइंस के आसपास का है, जहां कुछ समय पहले खनन हादसे में सात मजदूरों की मौत हो चुकी है। इस घटना के बाद से खनन क्षेत्र लगातार प्रशासन और विभिन्न जांच एजेंसियों की नजर में है। नियमों के उल्लंघन और डीजीएमएस मानकों को ताक पर रखकर किए जा रहे खनन के कारण अब तक 37 खदानों को बंद किया जा चुका है, जबकि शेष खदानों की भी गहन जांच चल रही है।

स्थानीय स्तर पर यह चर्चा आम है कि लगातार मीडिया रिपोर्टिंग के चलते खनन कारोबार में शामिल कुछ लोग बौखलाए हुए हैं। अवैध गतिविधियों को छिपाने के लिए खदानों के आसपास बैरिकेडिंग कर दी गई है, ताकि कोई फोटो या वीडियो रिकॉर्ड न कर सके। इसी कड़ी में बुधवार को एक विभागीय जांच टीम के संभावित आगमन की सूचना पर कुछ पत्रकार कवरेज के लिए बजरंग स्टोन क्षेत्र पहुंचे थे। आरोप है कि जैसे ही पत्रकार खदान के पास पहुंचे, वहां तैनात खदान संचालक के कथित गुर्गों ने उन्हें रोक लिया। पीड़ित पत्रकार अरविंद कुशवाहा के अनुसार, उनसे न सिर्फ अभद्र भाषा में बात की गई, बल्कि यह कहकर धमकाया गया कि यदि वे वहां से नहीं गए तो उन्हें खदान में धकेल दिया जाएगा और फिर उनका कोई पता नहीं चलेगा। साथ ही फोटो और वीडियो लेने पर भी सख्त मनाही की गई।

पत्रकारों का कहना है कि वे केवल अपने पेशेवर दायित्व का निर्वहन कर रहे थे, लेकिन उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को इसी तरह चुप कराने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पत्रकार संगठनों ने भी इस घटना पर नाराजगी जताते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

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