जिला कारागार गुरमा में जिला जज व डीएम सहित वरिष्ठ अधिकारियों का औचक निरीक्षण

खबर सार :-
सोनभद्र के डिस्ट्रिक्ट जज, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM), पुलिस सुपरिटेंडेंट और चीफ मेडिकल ऑफिसर ने मिलकर गुरमा डिस्ट्रिक्ट जेल में अचानक इंस्पेक्शन किया।

जिला कारागार गुरमा में जिला जज व डीएम सहित वरिष्ठ अधिकारियों का औचक निरीक्षण
खबर विस्तार : -

सोनभद्र: जिला कारागार गुरमा में बुधवार को जिला जज, जिलाधिकारी सोनभद्र, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम), पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का उद्देश्य कारागार की व्यवस्थाओं का जायजा लेकर बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं, सुरक्षा और प्रशासनिक कार्यप्रणाली की वास्तविक स्थिति का आकलन करना रहा।

सुरक्षा व्यवस्था की ली जानकारी

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने सबसे पहले कारागार की सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की। बैरकों, प्रहरी चौकियों, प्रवेश एवं निकास द्वारों की स्थिति का अवलोकन किया गया। इसके पश्चात बंदियों की संख्या, उनके आवास, स्वच्छता की स्थिति, पेयजल व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति तथा रसोईघर का निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने भोजन की गुणवत्ता, समय पर वितरण और साफ-सफाई को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

अधिकारियों ने कारागार में निरुद्ध बंदियों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याओं, आवश्यकताओं और शिकायतों के बारे में जानकारी ली। बंदियों ने चिकित्सा, भोजन एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी अपनी बात अधिकारियों के समक्ष रखी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि सभी जायज समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।

दिए कई सुधारात्मक सुझाव 

मुख्य चिकित्साधिकारी ने कारागार चिकित्सालय का निरीक्षण करते हुए दवाओं की उपलब्धता, उपचार व्यवस्था, स्वास्थ्य अभिलेख तथा चिकित्सकीय सेवाओं की स्थिति की जांच की। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए कि नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, साफ-सफाई और बीमार बंदियों के उपचार में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।

इसके साथ ही कारागार परिसर की स्वच्छता, अनुशासन, प्रशासनिक अभिलेखों एवं रिकॉर्ड संधारण की भी समीक्षा की गई। अधिकारियों ने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।

निरीक्षण के उपरांत जिला जज एवं जिलाधिकारी ने जेल अधीक्षक, जिला कारागार गुरमा को आवश्यक सुधारात्मक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कारागार में निरुद्ध बंदियों को मानवीय दृष्टिकोण के साथ बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। भविष्य में भी इस प्रकार के निरीक्षण जारी रहेंगे, जिससे व्यवस्थाओं में निरंतर सुधार किया जा सके।

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