बाहर से आने वाले कार्मिकों, किरायेदारों व मजदूरों का सत्यापन कराना अनिवार्यः डीएम

खबर सार : -
श्रीगंगानगर जिले में सुरक्षा बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर डॉ. मंजू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी किया है। इसके अनुसार, जिले के सभी छात्रावासों, पीजी, ढाबों, धर्मशालाओं, सराय, मकान मालिकों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अपने कर्मचारियों और किरायेदारों का पुलिस चरित्र सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।

खबर विस्तार : -

श्रीगंगानगर : श्रीगंगानगर जिले में स्थित छात्रावासों, पीजी, ढाबों, सराय, धर्मशालाओं में कुछ असामाजिक तत्व, संदिग्ध व्यक्ति बाहर से आकर रहने लगते हैं। इसी प्रकार ऐसे लोग विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि में घरेलू नौकर, किरायेदार के रूप में आकर काम करते हैं। इनका पुलिस चरित्र सत्यापन छात्रावास, पीजी, ढाबों, धर्मशालाओं, सराय मालिकों, मकान मालिकों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों द्वारा नहीं कराया जाता है। ऐसे असामाजिक तत्वों, संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा कानून व्यवस्था, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। 

पुलिस चरित्र सत्यापन सबसे जरूरी

छात्रावास, पीजी, ढाबों, धर्मशालाओं, सराय मालिकों, मकान मालिकों को वहां रहने वाले लोगों तथा विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों द्वारा अपने कार्मिकों, मजदूरों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाने के लिए प्रबंध करना बहुत जरूरी है। जिला कलेक्टर डॉ. मंजू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिला श्रीगंगानगर में तुरन्त प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। 

इसके अनुसार, जिले में स्थित छात्रावासों, पीजी, ढाबों, सराय, धर्मशालाओं में बाहर से आने वाले व्यक्ति बिना पुलिस चरित्र सत्यापन के नहीं रह सकेंगे। इसी प्रकार, बाहर से आने वाले ऐसे व्यक्ति बिना पुलिस चरित्र सत्यापन के घरेलू नौकरों, किरायेदारों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों आदि में कार्य नहीं कर सकेंगे। सभी छात्रावासों, पीजी, ढाबों, धर्मशालाओं, सराय मालिकों, मकान मालिकों, विभिन्न कारखानों, ईंट भट्टों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के प्रबंधकों को अपने कार्मिकों/श्रमिकों का पुलिस चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा। इस आदेश का उल्लंघन किये जाने पर पुलिस प्रशासन अथवा उपखण्ड अधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत दण्डित करने की कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश 1 मई 2025 से जारी होकर दो माह की अवधि तक प्रभावी रहेगा।

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