खुले हाईवा वाहनों की मनमानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दुर्घटनाओं का बढ़ा खतरा

खबर सार :-
जनता की एकजुटता और कानून सम्मत विरोध ने मामला प्रशासन की प्राथमिकता में लाया, शांतिपूर्ण विरोध में बैठकर लोगों ने यह संदेश दिया कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाना न केवल उनका अधिकार है, बल्कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज की नींव भी है। बड़े नियमों और संविधानिक  अधिकारों का हवाला देते हुए लोगों ने प्रशासन को जगाया  और समाधान के लिए आग्रह किया।

खुले हाईवा वाहनों की मनमानी से जनजीवन अस्त-व्यस्त, दुर्घटनाओं का बढ़ा खतरा
खबर विस्तार : -

सोनभद्रः जनपद सोनभद्र के विधान सभा ओबरा अंतर्गत रेणुका नदी पर बने नव-निर्मित पुल से गुजर रहे खुले हाईवा वाहनों द्वारा राख ढुलाई का संकट लगातार गहराता जा रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में हाईवा वाहन बिना कवर, बिना नंबर और बिना किसी सुरक्षा उपाय के राख लेकर इस पुल से गुजरते हैं, जिससे उड़ती राख की भारी मात्रा हवा में फैल जाती है। इस राख के कारण स्थानीय निवासियों, राहगीरों, स्कूली बच्चों, दुकानदारों और दोपहिया वाहन चालकों को गंभीर परेशानी  उठानी पड़ रही है।

उड़ती राख से जनजीवन अस्त-व्यस्त

बढ़ रही स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी समस्याएं उड़ती राख का असर केवल अस्थाई असुविधा तक सीमित नहीं है बल्कि यह आंख गले, त्वचा और फेफड़ों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। राहगीरों के लिए सड़क पर दिखना मुश्किल होता जा रहा है। क्षेत्र में कई बार राख के कारण वाहन नियंत्रण खोने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बीती रात एक दोपहिया वाहन चालक अपनी पत्नी के साथ पुल पार कर रहा था तभी अचानक तेज हवा में उड़ती राख उसकी आंख में चली गई जिससे वह संतुलन खोने वाला था। संयोग से बड़ा हादसा टल गया लेकिन इस तरह की घटना आय दिन होती रहती है।

जनता ने शांतिपूर्ण सांकेतिक विरोध कर उठाई मांग

लोकतंत्र में आवाज उठाना अपराध नहीं अधिकार है। आज सुबह बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, राहगीर और क्षेत्रवासी एकत्र होकर शांतिपूर्ण सांकेतिक विरोध पर बैठ गए। विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्था के अनुरूप रहा। नागरिकों ने कहा किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता को अपनी बात रखने, शांतिपूर्ण विरोध करने और जनहित से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाने का पूरा  अधिकार है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) एवं 19(1)(b) में स्पष्ट रूप से सुरक्षित है। जनसमस्याओं पर आवाज उठाना लोकतंत्र की आत्मा है और जनता किसी भी प्रकार के दमन या मनमानी को स्वीकार नहीं करेगी। 

बड़े नियमों का हवाला देते हुए नागरिकों की प्रमुख दलीलें:
1. Motor Vehicles Act, 1988
खुले वाहन में राख ढुलाई प्रतिबंधित है। बिना नंबर और बिना कवर वाहन चलाना दंडनीय अपराध है।
2. Central Pollution Control Board (CPCB) Norms
राख का परिवहन ढंके हुए ट्रकों में ही किया जाना अनिवार्य है, जिससे वायु प्रदूषण रोका जा सके।
3. Environment(Protection) Act, 1986 
किसी भी औद्योगिक गतिविधि से उत्पन्न प्रदूषण पर नियंत्रण करना उद्योग व प्रशासन की जिम्मेदारी है।
4. Supreme Court Guidelines on Air Pollution 
वायु प्रदूषण जनस्वास्थ्य के खिलाफ अपराध है, और इसे रोकने के लिए कठोर कार्रवाई जरूरी है।

जनता का कहना है कि इन सभी नियमों का खुलेआम उल्लंघन होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही जिससे जनहित प्रभावित हो रहा है।

अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर की वार्ता, समाधान का भरोसा.

जानकारी मिलते ही तहसीलदार ओबरा, नायब तहसीलदार और प्रभारी निरीक्षक ओबरा मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से संवाद किया और सभी मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया। प्रदर्शकारियों ने अधिकारियों से यह मांग किया किया गया कि राख ढुलाई में लगे खुले वाहनों की जांच की जाए, बिना नंबर वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई हो,पर्यावरणीय मानकों के अनुसार परिवहन प्रणाली को लागू कराया जाएगा,शासन स्तर पर भी इस प्रकरण में जिम्मेदार परिवहन करने वाले की रिपोर्ट भेजी जाए।

जनता की प्रमुख मांगें:

खुले वाहनों से राख ढुलाई तुरंत बंद की जाए।
सभी ट्रकों में कवर लगाना अनिवार्य किया जाए।
बिना नंबर प्लेट वाले वाहनों को तुरंत जब्त किया जाए।
नियमित चेकिंग के लिए विशेष टीम बनाई जाए।
वायु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निगरानी बढ़ाई जाए।
रात के समय अनियंत्रित वाहनों पर विशेष कार्रवाई की जाए।

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