Saharanpur: जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं इस इलाके के लोग, गंभीर बीमारियां होने का दावा

खबर सार : -
हिंडन नदी के किनारे रहने वाले वाले लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि उनकी इस बीमारी का कारण यहां का दूषित पानी है। लोगों ने इसकी कई बार शिकायत भी की है लेकिन स्वास्थ्य विभाग को यहां के पानी में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिला है।

खबर विस्तार : -

सहारनपुरः उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हिंडन नदी के किनारे बसे कई गांवों में बीमारियां घर कर रही हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्या पैदा हो रही है। स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि इलाके में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो चिंताजनक है। ग्रामीण इस समस्या की जड़ में हिंडन नदी का पानी पीने को मानते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक साल में स्थिति और खराब हो गई है, कई परिवार अपने प्रियजनों को खो चुके हैं और कई अभी भी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। 

पानी में नहीं मिला कोई हानिकारक तत्व

लोगों की बढ़ती चिंताओं को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इलाके में चिकित्सा शिविर लगाए हैं और पानी की जांच भी करवाई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जांच के नतीजों में कोई स्पष्टता नहीं है, क्योंकि पानी में भारी धातु या हानिकारक तत्व नहीं पाए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे अलर्ट पर हैं और अधिक जांच करने और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की योजना बना रहे हैं। जबकि ग्रामीणों को संदेह है कि स्वास्थ्य संकट के पीछे हिंडन नदी है, समस्या का सही कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है।

हिडन नदी के किनारे बसे नन्हेड़ा खुर्द, बड़ाबास और पीपला समेत आधा दर्जन गांव भयंकर बीमारियों की चपेट में हैं। इन गांवों में कई लोगों की असमय मौत हो चुकी है। दूषित पानी पीने से ग्रामीण कैंसर और पीलिया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। नन्हेड़ा खुर्द, बड़ाबास और पीपलो गांव में टंकी लगाने के लिए जल निगम की टीम ने सर्वे किया था, लेकिन आज तक टंकी का निर्माण नहीं हो सका है। कई बार ग्रामीणों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी है, लेकिन इसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि  सहारनपुर और आसपास के कई उद्योगों का जहरीला पानी हिंडन में छोड़ा जा रहा है। जो आबादी के लिए जानलेवा है। 

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