इंस्टाग्राम पोस्ट से बचाई गई 17 वर्षीय छात्रा की जान, समय रहते पहुँची पुलिस ने किया काउंसलिंग

खबर सार : -
suicide-prevention-up-police: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में इंस्टाग्राम पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट करते ही मेटा अलर्ट से हरकत में आई पुलिस ने महज 10 मिनट में छात्रा की जान बचाई, काउंसलिंग कर भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने का दिलाया संकल्प।

खबर विस्तार : -

suicide-prevention-up-police: सोशल मीडिया पर एक पोस्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को अलर्ट कर दिया। सहारनपुर जनपद की एक 17 वर्षीय छात्रा ने इंस्टाग्राम पर “आज से सबको गुडबाय… अगर गलती हो गयी हो माफ कर देना…” जैसा मार्मिक संदेश साझा किया, साथ ही सल्फास की गोलियों का रैपर भी पोस्ट में दिखाया। पोस्ट अपलोड होने के कुछ ही मिनटों में मेटा कंपनी (जिसके अंतर्गत इंस्टाग्राम आता है) ने अपनी पूर्व निर्धारित सुरक्षा व्यवस्था के तहत शाम 4:53 बजे उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर को एक आपातकालीन ईमेल अलर्ट भेजा।

महज़ 10 मिनट में छात्रा के घर पहुंची पुलिस

इस अलर्ट को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशान्त कुमार ने तत्काल निर्देश दिए। सोशल मीडिया सेंटर ने मिनटों में छात्रा के मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी लोकेशन ट्रेस की और सहारनपुर जिले की पुलिस टीम को सूचित किया। थाना नकुड़ क्षेत्र की पुलिस टीम में शामिल उपनिरीक्षक और महिला आरक्षी, महज़ 10 मिनट में छात्रा के घर पहुँचे। घर पर मौजूद परिजनों की उपस्थिति में जब छात्रा से बातचीत की गई तो उसने बताया कि आर्थिक तंगी और घरेलू दबाव के कारण वह अवसाद में आ चुकी थी। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद उसने आत्महत्या का मन बना लिया था, लेकिन पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता ने उसकी जान बचा ली।

जनवरी 2023 से 30 अप्रैल 2025 के बीच 875 लोगों की जान बचाई गई

मौके पर ही छात्रा की काउंसलिंग की गई और परिजनों के सहयोग से उसे समझाया गया। छात्रा ने भविष्य में ऐसी कोई भी गलती न दोहराने का वादा किया। उसके परिजनों ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली और संवेदनशील रवैये के लिए आभार जताया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई का श्रेय उस तकनीकी व्यवस्था को भी जाता है जो 2022 से उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा कंपनी के बीच लागू है। इस व्यवस्था के तहत यदि कोई फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आत्महत्या संबंधी सामग्री पोस्ट करता है, तो मेटा तुरंत संबंधित जानकारी पुलिस को ईमेल व कॉल के माध्यम से भेजता है। इस पहल के चलते 01 जनवरी 2023 से 30 अप्रैल 2025 के बीच 875 लोगों की जान बचाई जा चुकी है — यह न सिर्फ तकनीक और पुलिसिंग का एक आदर्श समागम है, बल्कि समाज के संवेदनशील तबकों के लिए एक आश्वासन भी है कि हर संकट में कोई न कोई आपकी चिंता कर रहा है।

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