वाह! नगर पंचायत की जमीन पर ही बना दिए प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान

खबर सार :-
बुलंदशहर में दबंगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर मकान बना लिया। जब लोगों ने इसकी शिकायत की तो प्रशासन नींद से जागा और पूरी जमीन की जांच कराई। जांच के बाद पता चला कि जमीन सरकारी है।

वाह! नगर पंचायत की जमीन पर ही बना दिए प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान
खबर विस्तार : -

बुलंदशहरः औरंगाबाद नगर पंचायत में एक दबंग अवैध कब्जेदार ने नगर पंचायत के आला अधिकारियों की मिलीभगत और सेटिंग से न सिर्फ सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर पंचायत की जमीन पर मकान भी बना लिया। नगर पंचायत के आला अधिकारियों ने पंचायत की जमीन पर बने मकान पर लिखवा दिया कि यह मकान पंचायत की जमीन पर बना है और अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान ली। फिलहाल अवैध कब्जेदार सारे कानून को ठेंगा दिखाते हुए सरकारी योजना के तहत सरकारी जमीन पर बने मकान पर कब्जा कर रहा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को आवास की सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की और उन गरीब भूस्वामियों को सरकारी सहायता मुहैया कराई जो अपनी आय से अपना मकान बनाने में असमर्थ थे। लेकिन इस योजना को भी भ्रष्टाचारियों द्वारा चूना लगाया जा रहा है। सुविधा शुल्क लेकर अपात्र लोगों को योजना का लाभ पहुंचाना अब आम बात हो गई है। लेकिन नगर पंचायत औरंगाबाद में भ्रष्टाचारियों ने नगर पंचायत की जमीन पर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कराकर भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। 

कस्बे के ईदगाह रोड पर गाटा संख्या 437 में प्रधानमंत्री आवास योजना वर्ष 2021-22 के अंतर्गत यह मकान बनाया गया था। प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल मकानों के लिए धनराशि नगर पंचायत की स्वीकृति के बाद ही स्वीकृत होती है। और पहली किस्त जारी कर दी जाती है। दूसरी किस्त जारी करने से पहले निर्माण कार्य का दोबारा भौतिक सत्यापन कराया जाता है। सब कुछ हुआ लेकिन किसी जिम्मेदार ने मकान बनने तक यह देखने और रोकने की जरूरत महसूस नहीं की कि जमीन नगर पंचायत की संपत्ति है। कैसे समझते हुए भी मोटी रकम का गबन कर सभी ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। 

मामला तब उजागर हुआ जब लोगों ने इस घोटाले की शिकायत जिला प्रशासन से की। जांच की औपचारिकता पूरी करने पहुंचे नगर पंचायत के आला अधिकारियों ने यह लिखवा लिया कि यह मकान नगर पंचायत की जमीन पर बना है और अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली। पूछे जाने पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सेवा राम राजभर ने पहले तो मकान के सरकारी जमीन पर बने होने की जानकारी से ही इनकार कर दिया। जब उनसे कहा गया कि आपने मकान पर लिख दिया है कि यह मकान सरकारी जमीन पर बना है तो उन्होंने कहा कि हां राजस्व अधिकारियों ने जांच की थी। तब लिखा था। मकान बनते समय नगर पंचायत की सेना कहां सो रही थी, इस पर वे चुप रहे।
 

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