लखनऊः अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए शहर में 51 ईगल मोबाइल दस्ता (Eagle Mobile Team) गश्त करेगा। इस दस्ते में दो-दो सिपाही हर थाने से चिह्नित किए गए हैं। यह दस्ता अपराधियों पर निगरानी रखने के साथ ही उनका विस्तृत ब्यौरा (डोजियर) तैयार करेगा, ताकि अपराधियों के हर दिन की हरकतों के बारे में जानकारी हो सके। रोजाना का डोजियर तैयार कर थाना प्रभारी के माध्यम से डीसीपी और पुलिस आयुक्त तक भेजा जाएगा। पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सेंगर ने इंगल मोबाइल के पर्यवेक्षण के लिए डीसीपी अपराध को नोडल अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त अपराध को सहायक नोडल अधिकारी बनाया है। पुलिस आयुक्त ने गुरुवार को हर थाने के मुख्य आरक्षी व आरक्षी के नामों की सूची जारी की। इस टीम को 'ईगल मोबाइल' आपराधिक सर्विलांस एंड मानिटरिंग टीम नाम दिया है। इस टीम के सदस्यों को थाने द्वारा दो पहिया वाहन उपलब्ध किए जाएंगे। साथ में थानावार अपराधियों की सूची दी जाएगी। जिसमें हिस्ट्रीशीटर, सक्रिय अपराधी, गिरोह, 10 साला अपराधी, जेल से छूटे अपराधियों के नाम शामिल होंगे।
पुलिस आयुक्त द्वारा जारी आदेश में साफ निर्देश है कि प्रत्येक टीम को कम से कंम से 10 अपराधियों का डोजियर तैयार करना होगा। निर्देश के मुताबिक पूरे कमिश्नरेट में प्रतिदिन 510 अपराधियों का डोजियर तैयार किया जाएगा। वहीं, 1020 अपराधियों पर निगरानी रखनी है। इसकी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। ईगल मोबाइल (Eagle Mobile Team) के रोज के कार्यों की निगरानी के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है। टीम रोज अपने कार्य की डिटेल इसी पर पोस्ट करेगी। ईगल मोबाइल पर तैनात किए गए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी विशेष परिस्थितियों को छोड़कर कहीं अन्य नहीं लगाई जाएगी। दूसरे थानाक्षेत्र के अपराधियों की सूचना के संबंध में इंस्पेक्टर/एसओ या ईगल मोबाइल संबंधित थाने के ईगल मोबाइल से वार्ता कर जानकारी करेंगे और डीसीआरबी कंट्रोल रूम को नोट कराएंगे। दिन भर के कार्यों की रिपोर्ट तैयार कर इंस्पेक्टर एसओ के साथ सहायक पुलिस आयुक्त को देना होगा। समीक्षा के लिए डीसीआरबी में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जी रोज की सूचना का संकलन करेंगे। कंट्रोल रूम का पर्यवेक्षण डीसीआरबी प्रभारी द्वारा किया जाएगा।
पुलिस महकमे ने अपराधियों से निपटने के लिए कमर कस ली है। साइबर अपराध में तकनीकी प्रणाली अपनाने के साथ ही अन्य दुर्दात अपराधियों पर नकेल कसने का काम भी शुरू कर दिया है। यही वजह है कि नई टीम बनी है। ईगल मोबाइल (Eagle Mobile Team) को प्रतिदिन जेल से रिहा होने वाले अपराधियों की सूची ग्रुप पर देनी होगी। घर जाकर सत्यापन करना होगा। थाने पर बने अपराधी एलबम रजिस्टर को पूरा किया जाएगा। जेल जाने वाले अपराधियों से पूछताछ कर डोजियर तैयार करना होगा। अपराधियों के डोजियर को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी के साथ स्कैन कर डीसीआरबी कार्यालय भेजना होगा।
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