एलडीए प्लाट घोटाला: जालसाज गिरोह का वांछित सदस्य लखनऊ से दबोचा गया, यूपीएसटीएफ की बड़ी कामयाबी

खबर सार : -
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के प्लाटों को फर्जी दस्तावेजों से बेचने वाले गिरोह के वांछित सदस्य सुशील मिश्रा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया। जानिए गिरोह की पूरी कार्यप्रणाली और 70+ प्लाटों की फर्जी बिक्री की कहानी।

खबर विस्तार : -

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के बहुप्रतिक्षित भूखंड घोटाले (lda-plot-scam) में वांछित चल रहे शातिर जालसाज सुशील मिश्रा को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शुक्रवार को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित दयाल चौराहा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी एक ऐसे संगठित गिरोह की परतें खोलती है जो वर्षों से खाली पड़े सरकारी प्लाटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें आम लोगों को बेचता रहा है। एसटीएफ को यह सफलता एक शिकायत पर चल रही गहन जांच के तहत मिली। मध्य प्रदेश निवासी आवेदक सर्वेश कुमार गौतम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एसटीएफ की टीम ने गुप्त सूचनाओं और तकनीकी निगरानी के माध्यम से पूरे गिरोह का नेटवर्क खंगाला। गिरफ्तार किए गए आरोपी सुशील मिश्रा, निवासी विनम्र खंड, गोमतीनगर, लखनऊ, ने पूछताछ में कबूला कि वह अचलेश्वर गुप्ता के नेतृत्व वाले गिरोह का सक्रिय सदस्य है। यह गिरोह एलडीए के लंबे समय से खाली पड़े भूखंडों की जानकारी जुटाकर उनके नकली दस्तावेज तैयार करता था और फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से उन्हें बेच देता था। इस गिरोह ने अब तक करीब 70 से अधिक भूखंडों की फर्जी बिक्री कर डाली है।

गिरोह के भीतर बंटा था काम

पूछताछ में सामने आया कि— राम बहादुर सिंह नकली कागज़ तैयार करता था, सचिन सिंह खरीदार खोजता था, मुकेश मैर्या नकली आधार कार्ड और जरूरी पहचान दस्तावेज बनाता था, जबकि राहुल सिंह नकली गवाह तैयार करता था। गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर गोमतीनगर, जानकीपुरम, सीतापुर रोड और ट्रांसपोर्ट नगर जैसी प्रमुख योजनाओं के दर्जनों प्लाट बेचे। इनमें विकल्प खंड, विशेष खंड, विभूति खंड, विनीत खंड, विराट खंड, वास्तु खंड, विजयंत खंड, विजय खंड और विवेक खंड के कई प्लाट शामिल हैं। प्लॉट संख्या, स्थान और योजना के हिसाब से कुल 45 से अधिक भूखंडों की विस्तृत सूची एसटीएफ ने बरामद की है।

पकड़ में कैसे आया सुशील मिश्रा

27 मार्च 2025 को इसी गिरोह के छह अन्य सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था, लेकिन सुशील मिश्रा तब से फरार था। टीम ने निरीक्षक हेमंत भूषण सिंह के नेतृत्व में, उपनिरीक्षक तेज बहादुर सिंह व हरिश सिंह चौहान समेत आठ सदस्यों की टीम गठित कर लगातार निगरानी रखी, जिसका नतीजा 2 मई को सामने आया। गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से 1320 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए। पुलिस अब गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और एलडीए के कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच कर रही है।

फर्जी प्लॉट बिक्री की सूची में शामिल कुछ प्रमुख प्लॉट: 

विकल्प खंड: 3/513, 3/508, 2/230बी, विशेष खंड: 2/63, 2/73, 2/88, जानकीपुरम: सेक्टर एच, प्लॉट 316, 319, ट्रांसपोर्ट नगर: टीसी-1124, अन्य: विभवखण्ड, विजयंतखण्ड, विवेकखण्ड, विनम्रखण्ड, विजयखण्ड आदि करीब 70 से ज्यादा भूखंडों की जानकारी एसटीएफ ने दी है। गिरफ्तार अभियुक्त को थाना गोमतीनगर लखनऊ में दाखिल किया गया है और अब आगे की कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।

अन्य प्रमुख खबरें