Justice Yashwant Verma: जस्टिस यशवंत वर्मा का हुआ तबादला, कैश कांड में जांच हुई तेज
Summary : Justice Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा का शुक्रवार को उनके पैतृक इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया। कानून मंत्रालय ने उनके तबादले की अधिसूचना जारी कर दी।
Justice Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा का शुक्रवार को उनके पैतृक इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया। कानून मंत्रालय ने उनके तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित तौर पर नोटों के अधजले बंडल मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके इलाहाबाद हाईकोर्ट में तबादले की संस्तुति की थी। सरकार ने शुक्रवार को इस संस्तुति को मंजूरी दे दी। उन्होंने इस कदम को न्यायमूर्ति वर्मा के घर से कैश मिलने के कथित मामले की आंतरिक जांच से अलग बताया था।
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस यशवंत (Justice Yashwant Verma) वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यभार संभालने को कहा गया है। कानून एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग (नियुक्ति प्रभाग) ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी।
अधिसूचना के अनुसार, "राष्ट्रपति ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति ने उन्हें इलाहाबाद होईकोर्ट में कार्यभार संभालने का निर्देश दिया है।" इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद ट्रांसफर किए जाने के विरोध में मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी।
दूसरी ओर’कैश एट होम’ मामले में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 28 मार्च को खारिज कर दिया। उनके आधिकारिक आवास पर 14 मार्च 2025 को भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी।
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवासीय बंगले में आग लगने से बड़ा खुलासा हुआ था। इस घटना ने न्यायिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। न्यायाधीश के घर से बड़ी मात्रा में अधजले नोटों के बंडल बरामद किए गए थे। यह मामला संसद से लेकर सड़क तक चर्चा का विषय बन गया है।
विपक्षी नेताओं ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया है, उनकी मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस घटना ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम को भी तत्काल कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया। इस मामले में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
सूत्रों की माने तो न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरण किया गया है। लेकिन फिलहाल उन्हें न्यायिक क्षेत्र से संबंधित किसी मामले की सुनवाई करने का निर्देश नहीं दिया गया है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा नियुक्त तीन न्यायाधीशों की समिति कर रही है। उन्हें निर्देश दिया गया कि जब तक मामले की जांच/जांच चल रही है, तब तक वे न्यायिक क्षेत्र से संबंधित कोई भी कार्य न करें।
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