झांसी महानगर में अब सवारी वाहन होंगे क्यूआर कोड से लैस

खबर सार :-
झांसी में ऑटो और ई-रिक्शा जैसे सार्वजनिक परिवहन पर क्यूआर कोड अनिवार्य कर दिया गया है। परिवहन विभाग की इस पहल का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना और अपराध पर अंकुश लगाना है। यात्री कोड स्कैन करके वाहन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे पुलिस को पहचान करने में मदद मिलेगी और अपराधियों पर लगाम लगेगी। इस त्वरित कार्यान्वयन से 10,000 से ज़्यादा वाहनों पर नजर रखना आसान हो जाएगा।

झांसी महानगर में अब सवारी वाहन होंगे क्यूआर कोड से लैस
खबर विस्तार : -

झांसी: अब जल्दी ही झांसी महानगर में दौड़ने वाले टेंपो, ऑटो ई रिक्शा आदि पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। कई आपराधिक मामलों में ऑटो टेंपो चालकों की मिली भगत पाई गई है। इसी को मद्देनजर रखते परिवहन विभाग ने इन गाड़ियों के पंजीयन के समय जो क्यू आर कोड जनरेट होता है उसको अब गाड़ी पर चस्पा करने के लिए कहा है। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अब पीड़ित यात्री को उसे ऑटो या टेंपो की पूरी जानकारी इस क्यूआर कोड के द्वारा मिल जाएगी। 

यह व्यवस्था शीघ्र ही महानगर में लागू की जाएगी। अभी तक कोई भी आपराधिक गतिविधि जो ऑटो या ई रिक्शा से संबंधित होती थी उसके बारे में जानकारी लेने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। अब इस व्यवस्था के लागू हो जाने से अपराध में संलिप्त गाड़ी एवं उसके चालक के बारे में क्यूआर कोड से पूरी जानकारी पुलिस को आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। अब शासन की ओर से ऐसे वाहनों का रजिस्स्ट्रेशन होने के बाद क्यूआर कोड जनरेट करने की व्यवस्था की गई है। अब गाड़ी के पंजीयन के साथ यह क्यू आर कोड वाहन मालिक को दिया जाएगा जिसे वह अपनी गाड़ी पर लगाएगा। यह आदेश मुख्यालय से परिवहन विभाग को भेज दिए गए हैं। झांसी महानगर में सवारी वाहन जिसमें टेंपो, ई रिक्शा, थ्री व्हीलर एवं स्कूल बस आदि मिलाकर लगभग 10,000 के आसपास है। अब इन सभी को क्यूआर कोड की सहायता से जांचना आसान हो जाएगा। 

इस व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद अब वहां पर लगे क्यू आर कोड को मोबाइल से स्कैन करते ही उस वाहन की पूरी जन्म कुंडली सामने आ जाएगी। अब सवारी वाहन पर बैठने से पहले खास तौर से महिलाएं उस वाहन पर लगे क्यू आर कोड को स्कैन करके उस वाहन के पूरे डाटा को अपने पास रखकर सुरक्षित यात्रा कर सकेंगी। यदि कोई दुर्घटना या घटना उनके साथ इस वाहन में होती है तो उनके पास उस वाहन का सभी डाटा मौजूद रहेगा, जिससे अपराधी और अपराध की रोकथाम बड़ी आसानी से हो पाएगी। इस व्यवस्था के लागू हो जाने से वाहन चालक पर भी मानसिक दबाव होगा और वह भी अपराध करने में हिचकेगा या अपराध में सम्मिलित होने में डरेगा। इन सवारी गाड़ियों पर पुलिस के नंबर भी लिखे होंगे। इससे यात्री कोई भी आपराधिक गतिविधि होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दे सकेगा। 

इस बारे में डॉक्टर सुजीत सिंह संभागीय परिवहन अधिकारी ने कहा की पंजीयन प्रमाण पत्र के साथ क्यू आर कोड भी जनरेट होता है जिसमें वहां और उसके मालिक की पूरी जानकारी होती है। इसे अब वाहन मालिक को अपनी गाड़ी पर लगाना पड़ेगा मुख्यालय से आये इस आदेश को शीघ्र ही लागू किया जाएगा।

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