सहारा ग्रुप से ली गयी जमीन पर पक्षियों को भी मिलेगा स्थान, बायो-डायवर्सिटी पार्क 25 एकड़ में विकसित किया जाएगा

खबर सार :-
जो जमीन कभी सहारा ग्रुप की हुआ करती थी, अब उस पर एलडीए का प्रभुत्व है। यहां पर अब ऐसा पार्क बनाया जाएगा, जिसमें फूल, हर्बल पौधे, लगाने के साथ ही पक्षियों के लिए घास और फलदार पौधे भी लगाए जाएंगे।

सहारा ग्रुप से ली गयी जमीन पर पक्षियों को भी मिलेगा स्थान, बायो-डायवर्सिटी पार्क 25 एकड़ में विकसित किया जाएगा
खबर विस्तार : -

लखनऊ, प्रथम चरण में 14 करोड़ रूपये की लागत से बायो-डायवर्सिटी पार्क 25 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा। देसी और प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए इस जगह पर वॉटर बॉडी और फलदार बाग के साथ ही मेडिसिनल व बटरफ्लाई गार्डेन विकसित की जाएगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण आने वाले साल में गोमती बायो-डायवर्सिटी पार्क विकसित करेगा। प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ0 रोशन जैकब, जिलाधिकारी विशाख, डीएफओ सितान्शु पांडेय, एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार व नगर आयुक्त गौरव कुमार ने इस काम की शुरूआत कर दी है। इस जगह पर पौधरोपण करके गोमती बायो-डायवर्सिटी पार्क के निर्माण की शुरूआत बीते शुक्रवार से ही हो चुकी है।

शहर में पहला बायो-डायवर्सिटी पार्क बनाया जाएगा

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने इस संबंध में मीडिया को बताया कि प्राधिकरण ने सहारा ग्रुप को लीज पर दी गयी ग्रीन बेल्ट की 75 एकड़ जमीन वापस ले ली है। इसमें से प्रथम चरण में 25 एकड़ क्षेत्रफल में 14 करोड़ रूपये की लागत से शहर का पहला बायो-डायवर्सिटी पार्क बनाया जाएगा। दिल्ली में यमुना बायो-डाइवर्सिटी पार्क विकसित करने वाले वैज्ञानिकों का सहयोग इस पार्क को विकसित करने में लिया जा रहा है। आकार ले रहे इस पार्क में बाउन्ड्रीवॉल, पार्किंग, इंट्री गेट, ऑफिस, पाथ-वे, किड्स प्ले-एरिया व वॉच टॉवर आदि दयाल पैराडाइज चौराहे से जनेश्वर मिश्र पार्क, गेट नंबर-5 के मध्य बनाये जाएंगे। गोमती नदी के बेसिन में पाये जाने वाले पौधों की विभिन्न प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, इनको पार्क में संरक्षित किया जाएगा।

देसी और प्रवासी पक्षियों के लिए खास व्यवस्था की जा रही

इनके साथ ही देसी और प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए पार्क में खास व्यवस्था की जा रही है। यहां पर घास एवं झाड़ियों के साथ ही छायादार पेड़ लगाये जाएंगे। इसी भूमि पर फलदार बाग के साथ ही मेडिसिनल व बटरफ्लाई गार्डेन तैयार कराया जाएगा। उपाध्यक्ष ने बताया कि पार्क में एन0आई0सी0 (नेचुरल इंटरप्रिटेशन सेंटर) बनाने की दिशा में काम चल रहा है। सेंटर में फील्ड बायोलॉजिस्ट की तैनाती की जाएगी। पार्क में घूमने आने वाले छात्र-छात्राओं को पौधों, पक्षियों, जीव-जंतुओं एवं कीट-पतंगों आदि की जानकारी के अलावा जैव विविधता से रूबरू होने का अवसर मिलेगा। इससे यह पार्क ईको-टूरिज्म के साथ ही शैक्षिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन जाएगा। पार्क में जैतून, पीपल, पिलखन, पाकड़, आम, नीम, जामुन, अमरूद, आवंला, कचनार, शीशम, अर्जुन, इमली व कैथा समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपित किये गये।
 

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