खाद्य एवं औषधि विभाग की संभागीय प्रयोगशाला अभी तक तैयार नहीं

खबर सार :-
खाद्य एवं औषधि विभाग की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि बाजार में कोई भी घटिया खाद्य सामग्री न बिकें, ताकि लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके, लेकिन जिस लैब में नमूनों को जांच के लिए भेजा जाना है, वह अभी तक नहीं बनी है।

खबर विस्तार : -

झांसीः आम जनता को शुद्ध और मानक खाद्य पदार्थ और औषधियां उपलब्ध कराने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग समय-समय पर बाजार से नमूने लेकर उनकी प्रयोगशाला में जांच कराता है। फिलहाल इन नमूनों की जांच की व्यवस्था मेडिकल कॉलेज झांसी में है।

यहां तीन विश्लेषक तैनात हैं जो नमूनों की जांच करते हैं। इस जांच में तेजी लाने के लिए शासन ने नई व्यवस्था की थी, जिसके तहत मंडल मुख्यालय पर स्थापित लैब को आधुनिक लैब बनाने का निर्णय लिया गया था ताकि खाद्य पदार्थों और औषधियों की जांच में तेजी लाई जा सके। प्रदेश में स्थापित की जा रही 12 मंडलीय खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं के लिए विभाग को जल्द ही 1200 नए लैब टेक्नीशियन भी मिलने जा रहे हैं। इसके साथ ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने खाद्य और प्रयोगशालाओं के लिए 1200 नए कनिष्ठ विश्लेषकों के चयन के लिए परीक्षा आयोजित कर ली है। शासन की सख्ती के बाद नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला का नया भवन बनकर तैयार है, जिसे अधिगृहित तो कर लिया गया है लेकिन प्रयोगशाला अभी पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुई है।

प्रयोगशाला में न तो प्लेटफार्म बना है और न ही जांच के लिए उपकरण उपलब्ध हैं। इसे देखकर लगता है कि जांच प्रक्रिया पुराने तरीके से ही होगी। सहायक खाद्य आयुक्त अखिलेश कुमार गुप्ता के अनुसार डेढ़ माह पहले ही भवन उन्हें हैंडओवर हुआ है, यहां प्रयोगशाला का काम चल रहा है और अभी यहां प्लेटफार्म बनना बाकी है, इसके बाद नोडल एजेंसी मानक के अनुसार प्रयोगशाला में संबंधित उपकरण लगाएगी, यहां कौन से उपकरण लगेंगे और कब तक लगेंगे जैसे सवालों पर उन्होंने कहा कि यह शासन स्तर पर तय हो चुका है और वहीं से इसकी जानकारी मिल सकेगी। यह व्यवस्था पर सवालिया निशान है कि आखिर यह देरी कहां और किसके द्वारा हो रही है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।

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