One Nation One Election : विपक्ष का विरोध केवल राजनीतिक स्वार्थ, बोले हृदय नारायण दीक्षित

खबर सार :-
One Nation One Election : पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को भारत के लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता के लिए जरूरी कदम बताते हुए इसके विरोध को केवल राजनीतिक स्वार्थ का फितूर करार दिया है।

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One Nation One Election : उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पद्मश्री हृदय नारायण दीक्षित ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को भारत के लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता के लिए जरूरी कदम बताते हुए इसके विरोध को केवल राजनीतिक स्वार्थ का फितूर करार दिया है। वे सोमवार को लखनऊ के गोमतीनगर स्थित सीएमएस सभागार में कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति द्वारा आयोजित ‘एक राष्ट्र एक चुनाव क्यों’ विषयक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

One Nation One Election विरोध करने वालों की दलीलें राजनीतिक : दीक्षित

हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का विरोध करने वालों की दलीलें राजनीतिक हैं। वे केवल राजनीति के लिए राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का विरोध संवैधानिक भावना का अनादर है। यह केवल चुनाव सुधार नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और देश की संप्रभुता से भी बहुत करीब से जुड़ा हुआ है। उन्होंने दो टूक कहा कि कुछ दल और नेता संवैधानिक ढांचे को लेकर देश में भ्रम फैला रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि इससे राज्यों को कोई क्षति नहीं होने वाली। 

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने समाज के सभी प्रबुद्ध वर्ग से अपील की कि वे इस विषय को अपने तरीके से समाज में प्रचारित करें और लोगों को इसके महत्व के बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूती के लिए आवश्यक है कि चुनावों को बार-बार कराने की व्यवस्था खत्म होनी चाहिए और एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जिससे संसाधनों की बचत के साथ शासन-प्रशासन की स्थिरता बनी रहे। 

One Nation One Election से देश पर आर्थिक बोझ भी कम होगा : आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण

इस संगोष्ठी के दौरान मुख्यवक्ता आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण ने भी जोर देकर कहा कि भारत लोकतांत्रिक भावना से ओतप्रोत है और ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ उसी भावना का विस्तार है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पहले भी भारत में प्रचलित थी, किन्तु बाद में बाधित हो गई। एक साथ चुनाव कराने से देश पर आर्थिक बोझ भी कम होगा और शासन व्यवस्था में निरंतरता बनी रहेगी।
कल्याण सिंह सनातन सेवा समिति के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से दुहराव वाले खर्चों में भारी कटौती होगी, जिससे सरकार की धनराशि जनहित में अन्य क्षेत्रों में लगाई जा सकेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रंगनाथ पाण्डेय ने की, जबकि मंच संचालन आत्मप्रकाश मिश्रा ने किया। 

इस संगोष्ठी के दौरान संयुक्ता भाटिया (पूर्व महापौर), अखिलेश जायसवाल (अध्यक्ष सेंट्रल बार ), अवनीश दीक्षित ( महामंत्री सेंट्रल बार ), कुलदीप पति त्रिपाठी ( AAG ), विमल श्रीवास्तव (AAG), शैलेंद्र सिंह ( CSC ), प्रशांत सिंह अटल ( CSC ), अखिलेश कुमार अवस्थी ( पूर्व अध्यक्ष बार काउंसिल ), प्रशान्त त्रिपाठी, ललित श्रीवास्तव, मीनाक्षी परिहार, रीता मित्तल अध्यक्ष लघु उद्योग भारती अनिल गुप्ता प्रेसिडेंट IIA  बड़ी संख्या में अधिवक्ता, डॉक्टर, इंजीनियर, CA, उद्यमी, शिक्षक आदि प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। 

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