फेसबुक पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट, यूपी पुलिस ने लिया संज्ञान, 20 वर्षीय युवक की बचाई जान

खबर सार :-
मेटा कंपनी से प्राप्त मोबाइल नंबर के आधार पर युवक की लोकेशन ट्रेस की गई और सूचना संभल पुलिस को भी दी गई। इसके बाद थाना चंदौसी की पुलिस टीम केवल 11 मिनट के अंदर युवक के घर पहुंच गई।

खबर विस्तार : -

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के थाना चंदौसी क्षेत्र में एक 20 वर्षीय युवक द्वारा रात के समय फेसबुक पर आत्महत्या की चेतावनी देने वाला पोस्ट डाला गया। उत्तर प्रदेश की पुलिस तुरंत सक्रिय हुई और पुलिस की सक्रियता की वजह से ही उसकी जान बच सकी। युवक के द्वारा फेसबुक पर की गई पोस्ट को लेकर 20 मई की रात 11ः47 बजे मेटा कंपनी (फेसबुक की मूल कंपनी) की ओर से पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को ई-मेल अलर्ट भेजा गया।

पुलिस टीम केवल 11 मिनट के अंदर युवक के घर पहुंची

मुख्यालय की टीम ने तत्काल इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। मेटा कंपनी से प्राप्त मोबाइल नंबर के आधार पर युवक की लोकेशन ट्रेस की गई और सूचना संभल पुलिस को भी दी गई। इसके बाद थाना चंदौसी की पुलिस टीम केवल 11 मिनट के अंदर युवक के घर पहुंच गई।

गर्लफ्रेंड के गम में खाई थी नींद की गोलियां

पुलिस जब युवक के घर पहंुची तो उसने युवक को गंभीर स्थिति में पाया और परिजनों की मदद से तुरंत उल्टी कराकर प्राथमिक घरेलू उपचार करवाया। स्थिति सामान्य होने पर युवक ने जानकारी दी कि वह मजदूरी करता है और लगभग तीन साल पहले गर्लफ्रेंड से संबंध टूटने के बाद से मानसिक तनाव में था। अवसाद में आकर उसने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी।

युवक की पुलिस द्वारा मौके पर काउंसलिंग की गई, जिसमें उसने भविष्य में ऐसी किसी भी हरकत से दूर रहने का आश्वासन दिया। युवक के परिजनों ने यूपी पुलिस की तत्परता और संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।

1 जनवरी 2023 से 15 मई 2025 के बीच पुलिस ने सैकड़ों जिंदगियों को बचाया

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पुलिस और मेटा कंपनी के बीच वर्ष 2022 से एक विशेष तंत्र काम कर रहा है, जिसके अंतर्गत फेसबुक और इंस्टाग्राम पर आत्महत्या जैसे संवेदनशील कंटेंट की सूचना ई-मेल और फोन के माध्यम से पुलिस को दी जाती है। इस व्यवस्था के माध्यम से 1 जनवरी 2023 से 15 मई 2025 के बीच आत्महत्या संबंधी 926 अलर्ट्स पर कार्रवाई कर पुलिस ने सैकड़ों जिंदगियों को बचाया है। यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस की साइबर निगरानी और मानवीय संवेदनशीलता का स्पष्ट उदाहरण है, जो यह दर्शाती है कि तकनीक और तत्परता के संयोजन से जीवन की रक्षा की जा सकती है।
 

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