लखनऊ में अब इस तकनीक से दौड़ेगी मेट्रो, पतंगों से भी बाधित नहीं होगा संचालन

खबर सार : -
राजधानी में मेट्रो ट्रेन का संचालन दिल्ली की तर्ज पर होगा। मेट्रो के सेकेंड फेज (चारबाग से बसंतकुंज) में थर्ड रेल सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। थर्ड रेल सिस्टम में किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी की आशंका न के बराबर है। इस सिस्टम के प्रयोग से मेट्रो का संचालन बिना किसी बाधा के हो सकेगा।

खबर विस्तार : -

लखनऊ। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) राजधानी में मेट्रो ट्रेन का संचालन दिल्ली की तर्ज पर करेगा। मेट्रो के सेकेंड फेज (चारबाग से बसंतकुंज) में थर्ड रेल सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा। इससे ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर का झंझट खत्म होगा। चारबाग से बसंतकुंज के बीच मेट्रो ट्रेन बगैर बिजली के तारों के चलेगी। थर्ड रेल सिस्टम के जरिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति होगी। पुराने लखनऊ में पतंगे अधिक उड़ती हैं। ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर होने से पतंगे मेट्रो के संचालन में बड़ी बाधा बनेंगी। इसके चलते ही एलएमआरसी ने ओएचई को हटाने का फैसला लिया है।

थर्ड रेल सिस्टम में किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी की आशंका न के बराबर है। इस सिस्टम के प्रयोग से मेट्रो का संचालन बिना किसी बाधा के हो सकेगा। थर्ड रेल सिस्टम को कंडक्टर रेल के नाम से भी जाना जाता है। इसमें दोनों प्लेटफार्म के दूसरी तरफ वाले ट्रैक के समानांतर सिंगल लाइन बिछाई जाती है। यह विशेष प्रकार की स्टील से बनी लाइन होती है। इसमें बिजली का करंट दौड़ता रहता है। आगामी सितंबर माह से नए रूट का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है।

मौजूदा समय में अमौसी से मुंशीपुलिया तक मेट्रो संचालित हो रही है। अमौसी से मुंशी पुलिया मार्ग पर बिजली आपूर्ति के लिए ओएचई वायर का इस्तेमाल किया जा रहा है। ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर में फॉल्ट आने से मेट्रो का संचालन प्रभावित हो जाता है। वहीं सेकेंड फेज में उपयोग किए जाने वाले थर्ड रेल सिस्टम से पुराने लखनऊ में पतंग उड़ने से मेट्रो का संचालन प्रभावित नहीं होगा।

मेट्रो रेल प्रबंधन के अनुसार चारबाग से बसंतकुंज तक सेकेंड फेज का निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा। इस फेज में बहुत अधिक घनी आबादी वाले इलाके हैं। इस क्षेत्र में पतंगबाजी बहुत अधिक होती है। इसके चलते यहां पर बेहतर तकनीक का प्रयोग करते हुए ओवरहेड लाइन की जगह थर्ड रेल सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इस रूट पर और स्टेशन के प्लेटफार्म पर बिजली के तार नजर नहीं आएंगे। 

नए रूट के निर्माण की मिली अनुमति 

मेट्रो के नए रूट के निर्माण के लिए पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) से अनुमति मिल गई है। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्रीय कैबिनेट में निर्माण का प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा जाएगा। प्रस्ताव मंजूर होते ही चारबाग से बसंतकुंज के लिए मेट्रो रूट का निर्माण शुरू हो जाएगा। सेकेंड फेज में अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल चौराहा, नवाबगंज होंगे और ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग व बसंतकुंज तक मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक पर चलेगी।

सीएम योगी ने चारबाग से बसंतकुंज तक सेकेंड फेज के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। चारबाग से बसंतकुंज कॉरिडोर 11.165 किमी लंबा है। इसमें एलिवेटेड रूट की लंबाई 4.286 किमी है। वहीं 6.879 किमी अंडरग्राउंड मेट्रो चलेगी। कॉरिडोर में 7 भूमिगत और 5 एलिवेटेड समेत कुल 12 स्टेशन होंगे। 
 

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