Chhattisgarh CBI Raid: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ठिकानों पर CBI की छापेमारी

Summary : Chhattisgarh CBI Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के घर पर बुधवार सुबह सीबीआई ने छापेमारी की।

Chhattisgarh CBI Raid: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के घर पर बुधवार सुबह सीबीआई ने छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी रायपुर और दुर्ग जिले में स्थित उनके भिलाई आवास पर चल रही है। सीबीआई की टीम भूपेश बघेल के आवास पर मौजूद है। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी कथित 6,000 करोड़ रुपये के महादेव  बेटिंग ऐप घोटाले के सिलसिले में की जा रही है। इससे पहले ईडी की टीम ने भी इसी मामले में छापेमारी की थी।

Chhattisgarh CBI Raid: इन अधिकारियों के घर भी छापेमारी

CBI की टीम दो गाड़ियों में भूपेश बघेल के घर पहुंची। इसके अलावा CBI ने पूर्व सीएम बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के घर पर भी छापेमारी की है। साथ ही IPS अधिकारी आरिफ शेख और IPS अफसर अभिषेक पल्लव के घर पर भी छापेमारी की खबर है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीबीआई छापे की जानकारी दी है।

उन्होंने एक्स पर (भूपेश बघेल के कार्यालय) के हवाले से लिखा, "अब सीबीआई आ गई है। आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित 'ड्राफ्टिंग कमेटी' की बैठक के लिए दिल्ली जाने वाले हैं। उससे पहले सीबीआई रायपुर और भिलाई आवास पर पहुंच गई है।"

इससे पहले ईडी ने कई ठिकानों पर की थी छापेमारी

इससे पहले ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई के पदुम नगर इलाके में स्थित आवास और उनके सहयोगियों से जुड़े 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। भूपेश बघेल ने कहा था, "यह संयोग है या प्रयोग, आप लोग तय करें। कवासी लखमा ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव से सवाल पूछे तो ईडी की टीम उनके खिलाफ पहुंच गई। मैंने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से सवाल पूछे तो ईडी को पहुंचने में चार दिन भी नहीं लगे। मतलब हम सवाल नहीं पूछ सकते। यह सरकार हमें डराना चाहती है।"

क्या है महादेव बेटिंग ऐप

महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टे के लिए बनाया गया ऐप है। यूजर इस पर पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम नाम के लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों पर भी अवैध सट्टा लगाया जाता था। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए। इस ऐप के जरिए ठगी का पूरा खाका तैयार किया गया था।

दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलाया जाता था। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल हर ब्रांच को फ्रेंचाइजी के तौर पर बेचते थे। यूजर को शुरुआत में ही मुनाफा होता और बाद में घाटा। दोनों मुनाफे का 80% हिस्सा अपने पास रख लेते थे। बेटिंग ऐप रैकेट एक मशीन की तरह काम करता है जिसमें एल्गोरिदम तय करता है कि ऐप में पैसा लगाने वाले ग्राहकों में से सिर्फ 30% ही जीतते हैं।

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