जिलाधिकारी कार्यालय में बम की धमकी से मचा हड़कंप, बुलाया गया बम निरोधक दस्ता

खबर सार :-
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भले ही इस समय शांत है, लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में प्रशासन कुछ तैयारियों को लेकर बेहद सतर्क है। इसी क्रम में जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया है।

खबर विस्तार : -

भीलवाड़ाः जिलाधिकारी कार्यालय में बम की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। धमकी ईमेल के जरिए आई थी। ईमेल के वायरल होते ही परिसर से अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। जिसके बाद प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था, जो किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों व तैयारियों को जांचने के लिए आयोजित किया गया था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुबह 10.45 बजे जिला कलेक्टर कार्यालय को एक मेल प्राप्त हुआ, जिसमें कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। इसकी सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू व पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह तुरंत हरकत में आए और पूरे परिसर को खाली करा दिया तथा अजमेर से बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया।

इस बीच पुलिस ने तुरंत कलेक्ट्रेट परिसर के सभी मुख्य द्वार बंद कर दिए और हर आने-जाने वाले वाहन की गहन जांच शुरू कर दी। बम निरोधक दस्ते ने भी मौके पर पहुंचकर पूरे परिसर की गहन तलाशी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों के साथ ही जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे और स्थिति पर नजर बनाए रहे।

हालांकि, कुछ देर बाद यह स्पष्ट हो गया कि यह धमकी एक मॉक ड्रिल का हिस्सा थी। यह अभ्यास यह देखने के लिए किया गया था कि आपातकालीन स्थिति में प्रशासनिक मशीनरी, पुलिस बल, सुरक्षा एजेंसियां ​​और कर्मचारी कितनी तेजी और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

इस धमकी के कारण कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यरत कई कर्मचारी और अधिकारी पहले तो काफी घबराए हुए नजर आए। परिसर के बाहर जमा भीड़ में भी बेचैनी साफ देखी जा सकती थी। कई लोग एक-दूसरे से मेल संबंधी जानकारी मांगते नजर आए। लेकिन जब पता चला कि यह सब पहले से तय मॉक ड्रिल थी, तो सभी ने राहत की सांस ली।

पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने कहा, "हमारी प्राथमिकता नागरिकों की सुरक्षा है। मॉक ड्रिल जैसे अभ्यास हमें तैयार रखते हैं, ताकि किसी भी वास्तविक स्थिति में हम बिना घबराए सही निर्णय ले सकें।" कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने कहा, "यह अभ्यास सुरक्षा प्रबंधन के तहत किया गया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि संकट के समय हमारी तैयारी कैसी है और किन सुधारों की आवश्यकता है।" भविष्य में भी समय-समय पर इस तरह के मॉक ड्रिल किए जाएंगे, ताकि प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखा जा सके। हालांकि शुरुआत में अव्यवस्था रही, लेकिन अंततः यह एक आवश्यक और सफल अभ्यास साबित हुआ।

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