बरेली में राशन की दुकान खाली, दीदी योजना का भी बंटाधार

खबर सार :-
बरेली में जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को बैठक में बुलाया था। बैठक में विकास कार्यां की प्रगति की समीक्षा होनी थी। मगर यहां जिलाधिकारी को प्रगति की जगह पर काम पिछड़ा होने पर नाराज होना पड़ा। उन्होंने जिलापूर्ति अधिकारी को जमकर लताड़ लगाई। जल्द ही काम पूरा कराने के लिए कहा है।

बरेली में राशन की दुकान खाली, दीदी योजना का भी बंटाधार
खबर विस्तार : -

बरेली, जिले में सरकारी योजनाओं की सुस्त रफ्तार किसी से छिपी नहीं है। छोटे अफसर तो इसे छिपा भी नहीं सकते हैं, जबकि बड़े अफसर निर्देश देकर भूल जाते हैं। लापरवाही और सरकारी योजना को पलीता लगाने वाले बरेली जिले के अफसर जाने डीएम के आदेश का पालन कब तक कर लेंगे हैं। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम अविनाश सिंह सख्त दिखे। कई बातें तो उनके नाराज होने पर उजागर हुईं। इसीलिए उन्होंने पूर्ति विभाग और खंड विकास अधिकारियों को जमकर लताड़ भी लगाई।

मगर, जिस खाली पड़ी राशन दुकानों के आवंटन में लापरवाही और करोड़पति दीदी योजना की धीमी प्रगति पर वह नाराज हुए थे, उसकी प्रगति अभी दिखी नहीं। दरअसल, जिले में समीक्षा बैठक चल रही थी और इसमें तमाम विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी थी। जिलाधिकारी की बैठक में वह सभी अधिकारी भी थे, जिनका वास्ता राशन की दुकानों से था। केंद्र और प्रदेश की सरकार राशन मुहैया कराने के लिए अपनी पीठ थपथपाती रहती है, उसी राशन की दुकानों को लेकर बरेली जिले के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। यह बात खुद जिलाधिकारी ने बैठक में कही थी। उन्होंने कहा कि पूरे जिले में सैकड़ों राशन की दुकानें खाली हैं। इनमें आठ दुकानों के ही प्रस्ताव भेजे गए हैं। डीएम यहीं नहीं रूके, उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह घोर लापरवाही है।

जिम्मेदार अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि राशन वितरण में गड़बड़ी मिली तो संबंधित अफसरों को छोड़ा नहीं जाएगा। अगर डीएम बैठक में यह बातें न उठाते तो विभागों की सच्चाई सामने न आ पाती। उन्होंने राशन कार्ड में खामियों को लेकर भी चिंता जताई। अब कठघरे में जिला पूर्ति अधिकारी मनीष कुमार हैं। आखिर इतनी बड़ी खामी के लिए जिम्मेदार कौन है, डीएम ने तो कहा दिया कि जिलापूर्ति अधिकारी शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित कराएं।

अन्नपूर्णा दुकान और ‘करोड़पति दीदी’ योजना में भी लापरवाही 

 खंड विकास अधिकारियों से सख्ती से कहा गया कि जहां-जहां अन्नपूर्णा दुकान अब तक शुरू नहीं हुई हैं, वहां संबंधित जनप्रतिनिधियों से उद्घाटन कराकर दुकानों को शुरू कराएं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘करोड़पति दीदी’ को लेकर भी डीएम खफा हैं। महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कहा गया है। 
 

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