यूपीपीसीएल को मिले 17 निदेशकों में से 4 विभाग के, 13 बाहरी

Summary : बिजली कम्पनियों में लंबे समय से खाली चल रहे निदेशक के पदों पर नियुक्ति का आदेश बुधवार को जारी कर दिया गया। यूपीपीसीएल और डिस्कॉम में 17 निदेशकों की नियुक्ति की गई है।


 

लखनऊ। बिजली कम्पनियों में लंबे समय से खाली चल रहे निदेशक के पदों पर नियुक्ति का आदेश बुधवार को जारी कर दिया गया। यूपीपीसीएल और डिस्कॉम में 17 निदेशकों की नियुक्ति की गई है। नियुक्त किए गए 17 निदेशकों में से 4 विभागीय और 13 बाहरी हैं। निदेशक पद पर बाहरी लोगों की नियुक्ति चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि, निदेशकों की कमी से प्रभावित हो रहे ऊर्जा विभाग के काम अब तेज गति से हो सकेंगे। ऊर्जा विभाग की योजनाओं को गति मिलेगी। जिन निदेशकों की नियुक्ति की गई है उनमें प्रदीप चंद्र लोहनी को यूपी रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट का डायरेक्टर टेक्निकल, संजय कुमार दत्ता को उप्र रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट का डायरेक्टर प्रोजेक्ट एंड कॉमर्शियल और शिशिर को पूर्वांचल डिस्कॉम का डायरेक्टर कॉमर्शियल नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार अमिताव बरात को डायरेक्टर वर्क एंड प्रोजेक्ट ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन, मनोज कुमार श्रीवास्तव को दक्षिणांचल डिस्कॉम का डायरेक्टर टेक्निकल, प्रशांत वर्मा को यूपीपीसीएल का डायरेक्टर कॉमर्शियल, विक्रम सिंह को यूपी रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट का निदेशक वाणिज्य, हरीश बंसल को मध्यांचल डिस्कॉम का डायरेक्टर टेक्निकल और प्रमोद सिंह को केस्को का डायरेक्टर टेक्निकल बनाया गया है। वहीं आशु कालिया को पश्चिमांचल डिस्कॉम का डायरेक्टर पर्सनल, हरजीत सिंह को ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन का डायरेक्टर प्रोजेक्ट मैनेजर एंड एनालिसिस (पीएम एंड ए), रजनीश रस्तोगी को उत्पादन निगम का डायरेक्टर पीएम एंड ए, जान मथाई को यूपीपीसीएल के डायरेक्टर पीएम एंड ए पद पर तैनाती दी गई है। इसके अतिरिक्त ज्ञानेंद्र अग्रवाल को दक्षिणांचल डिस्कॉम का निदेशक वित्त, नवीन कुमार गुप्ता को केस्को का निदेशक वित्त, संजय मेहरोत्रा को यूपी रिन्यूएबल एनर्जी डिपार्टमेंट एजेंसी का निदेशक वित्त और पुरुषोत्तम अग्रवाल को यूपीपीसीएल के निदेशक वित्त पद पर तैनाती दी गई है। 

 

94 से अधिक आए थे आवेदन 
 

ऊर्जा विभाग के 17 निदेशक के पदों के लिए 94 से अधिक लोगों ने आवेदन किए थे। निदेशक  के पदों पर साक्षात्कार के दौरान पहले सभी आवेदकों को नहीं बुलाया गया था। हालांकि जब इसकी शिकायत पिछड़ा आयोग और अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में हुई तो सभी आवेदकों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया। यूपी पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इंटरब्यू में पिछड़े और दलित अफसरों को न बुलाए जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी। 
 

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