Bhatkataiya Plant Health Benefits: प्रकृति के खजाने में अनगिनत औषधियां पाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है रेंगनी, जिसे भटकटैया के नाम से भी जाना जाता है। ये वहीं भटकटैया पौधा है जो भाई-बहन के पर्व भाईदूज पर बहनें इनके कांटों पर जीभ चुभाकर अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। भटकटैया का जितना महत्व भाईदूज की पूजा में, उतना ही आयुर्वेद में है ।
यह पौधा दिखने में कांटेदार होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण सेहत के लिए वरदान हैं। यह पौधा देश के ग्रामीण इलाकों से लेकर मैदानी और पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में इसकी जड़ों, पत्तियों, बीजों और रस का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है।
इस पौधे की शक्तियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं। यह पौधा सर्दी, सूखी या बलगम वाली खांसी, बुखार, संक्रमण और अस्थमा के रोगियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। ये पौधे के जड़, तना, पत्ती, फूल और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं। आइए जानते हैं इस चमत्कारी पौधे के फायदों के बारे में।
ब्रह्मदंडी (भटकटैया) का पौधा हमारे स्वास्थ्य और आयुर्वेद के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। कहा जाता है कि भटकटैया का पौधा शुगर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसकी पत्तियों को खाने से शुगर लेवल को ठीक किया जा सकता है और साथ ही एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होने के कारण यह खून में शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है।
इतना ही नहीं, इसकी पत्तियों में मौजूद पोषक तत्व सर्दी-बुखार, खांस और आस्थमा जैसी बीमारियों के लिए रामबाण है। पाचन के साथ-साथ आयुर्वेद विशेषज्ञ सांस संबंधी समस्याओं के लिए भी भटकटैया के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। बुखार में रेंगनी का इस्तेमाल करने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और दिमाग भी शांत रहता है।
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