गर्मी से बचने में कारगर है रंग चिकित्सा

खबर सार :-
पिछले कुछ दिनों से वातावरण का तापमान लगातार बढ़ रहा है लोग सिरदर्द, उल्टी और तमाम लोग बेहोश हो कर अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक्यूप्रेशर के रंग चिकित्सा को अपनाकर हीट वेव से बचाव किया जा सकता है।

खबर विस्तर : -

प्रयागराजः  सटीक बिंदु सही उपचार का आधार है, इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए माता प्रसाद खेमका एक्यूप्रेशर महाविद्यालय में चल रहा छः दिवसीय इंटर्नशिप आज 17 मई  को सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में  विचार व्यक्त करते हुए संस्था के अध्यक्ष जे पी अग्रवाल  ने  बताया कि बढ़ती गर्मी और तेज धूप अब लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने लगी है। पिछले सप्ताह अस्पतालों में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज पहुंचे , जो सिरदर्द पेट दर्द उल्टी दस्त बुखार आदि से प्रभावित थे।

एक्यूप्रेशर संस्थान में भी पिछले सप्ताह लगभग 100 से अधिक मरीज तेज गर्मी और उससे होने वाले परेशानियों से प्रभावित होकर पहुंचे। श्री अग्रवाल ने बताया कि कई मरीज ऐसे भी आ रहे हैं जिन्हें बहुत जल्द मौसम का प्रभाव प्रभावित करता है । कोरोना के बाद से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का अभाव भी बड़ी संख्या में देखा जा रहा है जिससे गर्मी सर्दी प्रत्येक मौसम में प्रतिरोधक क्षमता के अभाव में लोग बीमार और कमजोर अवस्था में संस्थान में आते हैं। उपचार देने पर उन्हें शीघ्र लाभ भी प्राप्त होता है ।

उन्होंने बताया कि परेशानी होने के बाद उपचार दिया जाए इससे बेहतर है जन सामान्य तक यह सूचना पहुंचाई जाए कि हम गर्मी की स्थिति में स्वयं को सुरक्षित कैसे रखें। मात्र स्केच पेन के हरे रंग से हाथ की  उंगलियों में नाखून से नीचे बड़ी बिंदी लगाकर स्वंय को हीट स्ट्रोक से बचा सकते हैं। यह रंग चिकित्सा एक्यूप्रेशर का अंग है। हरा रंग प्रकृति में शीतलता प्रदान करने वाला है। स्केचपेन द्वारा इसका प्रयोग हीट स्ट्रोक से बचाने में कारगर है। इसके अतिरिक्त पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना भी अनावश्यक है । आज के कार्यक्रम में एके द्विवेदी,एम एम कूल, एस पी केसरवानी, आर के शर्मा, विशाल जायसवाल, आलोक कमलिया, सुनील मिश्रा, अभय त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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