Aam ka Panna: देशभर के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। घर के अंदर और बाहर कहीं भी गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। ऐसे में गर्म हवा, लू, तपन, चिलचिलाती धूप और उमस से आम जनजीवन बेहाल है। इस स्थिति में एक पेय पदार्थ ऐसा भी है, जो चुटकियों में गर्मी से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। हम सब इस पेय पदार्थ को ‘आम का पन्ना’ के रूप में जानते हैं। जिसे बनाना बहुत ही आसान होता है। गर्मियों में आम का पन्ना पीकर शरीर में ठंडक और मन तरोताजा महसूस करता है।
हम सभी ने बचपन से ही अपने दादी-नानी से आम के पन्ने का खासियतों से बारे में सुन रखा है। गर्मी के दिनों में हम जब भी कभी चिलचिलाती धूप, लू और उमस भरी गर्मी से लौटकर घर आते थे, तो दादी-नानी हमारे शरीर को गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए आम का पन्ना पिलाती थीं। आज भी देश के अनेकों हिस्सों आम का पन्ना गर्मी के दिनों में घर के सदस्यों और मेहमानों को बनाकर दिया जाता है।
आम का पन्ना एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जो कच्चे आम को उबालकर और उसमें भूना जीरा, काली मिर्च, पुदीना, नमक समेत कुछ मसालों को मिलाकर बनाया जाता है। यह सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आयुर्वेदाचार्यं के अनुसार गर्मी के मौसम में आम का पन्ना लू और तपिश से बचाव का रामबाण इलाज है। यह विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है, जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह प्राकृतिक कूलिंग एजेंट के रूप में पीया जाता है, जो शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ ही गर्मी से राहत दिलाता है। आम का पन्ना हमारे पाचन तंत्र को भी सही रखता है। यह हमारे शरीर में पाचन एंजाइम्स की संख्या को बढ़ाता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है और पाचन तंत्र भी मजबूत हो जाता है।
आम का पन्ना में कई तरह के लाभदायक तत्व पाये जाते हैं। आम के पन्ना एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है। इसके अलावा गर्मी और लू की वजह से होने वाले पेट दर्द व अन्य बीमारियों में लाभदायक होता है। गर्मी के मौसम में यदि हम रोजाना सुबह-शाम दो-तीन गिलास आम का पन्ना का सेवन करें, तो निश्चित रूप में हम तरोताजा महसूस करेंगे। इसके साथ ही हमें गर्मी का अहसास भी कम होगा।
गर्मी के मौसम में कच्चे आम बड़ी ही आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। हमें आम का पन्ना बनाने के लिए ताजे और साफ-सुथरे आम लाने चाहिए। आम का पन्ना बनाने का तरीका भी बेहद सरल है। सबसे पहले हमें दो से तीन कच्चे आम को उबालकर उसका गूदा निकाल लेना चाहिए। इसके बाद उसे पानी में अच्छी तरह से धुल लें। आम के गूदे को मिट्टी के छोटे बर्तन या किसी जार में चार-पांच गिलास ठंडे या ताजे पानी में डाल देना चाहिए। इस पानी में एक चम्मच चीनी, पिसा हुआ जीरा, काली मिर्च और काला या सादा नमक मिला लें। इसके बाद उसे अच्छी तरह ग्राइंड करके तैयार कर लें। अब इसमें पुदीने की कुछ हरी पत्तियां और बर्फ के छोटे टुकड़े मिला लें। अब आपका आम का पन्ना बनकर पीने क लिए पूरी तरह से तैयार है। इसे गिलास में अच्छी तरह से सर्व कर सकते हैं। तो, हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखा चाहिए कि गर्मियों में एक्टिव रहना भले ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन खान-पान और रूटीन में थोड़े-बहुत बदलाव करके और सही व्यायाम के साथ गर्मी से होने वाली समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
आम का वैज्ञानिक नाम ‘मैंगीफेरा इंडिका’ है, इसे अंग्रेजी में मैंगो और हिंदी में आम के नाम से जाना जाता है। आम का उपयोग आयुर्वेदिक और देशी चिकित्सा में 4000 से अधिक वर्षों से किया जाता रहा है। बनस्पति विशेषज्ञों के अनुसार, फलों का राजा आम, मैंगीफेरा वंश का सदस्य है। इससमें फलदार वृक्षों की 30 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा आम के पेड़ के विभिन्न भागों को विभिन्न औषधीय गुणों के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है। मैंगिफेरिन, एक पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट और ग्लूकोसिल ज़ैंथोन, शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-लिपिड पेरोक्सीडेशन, इम्यूनोमॉडुलेटरी, कार्डियोटोनिक, हाइपोटेंसिव, घाव भरने, एंटी डिजनरेटिव और एंटीडायबिटिक गुणों को प्रदर्शित करता है। आम के पौधे के पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग दस्त, पेचिश, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, रक्ताल्पता, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी, गठिया, दांत दर्द, प्रदर, रक्तस्राव, और बवासीर के उपचार के लिए किया जाता है, साथ ही दंत-शोधक, एंटीसेप्टिक, कसैले, स्वेदजनक, पेट के लिए, कृमिनाशक, टॉनिक, रेचक और मूत्रवर्धक के रूप में भी किया जाता है।
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