लखनऊ: जिले में संभावित बाढ़ से बचाव एवं राहत पहुंचाने के लिए बाढ़ स्टीयरिंग कमेटी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, चिकित्सा विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, 32वीं बटालियन पीएसी, लोक निर्माण विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आवास एवं विकास परिषद, कृषि विभाग, जलकल विभाग, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय मौसम विभाग, व्यापार मंडल एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने हाल में ही एक बैठक भी की थी। 28 अप्रैल को अपरान्ह 01ः00 बजे के करीब कार्यालय में डीएम विशाख जी भी बैठक में मौजूद रहे।
इस बैठक में लखनऊ में बाढ़ एवं राहत बचाव के लिए निर्धारित एजेंडे एवं बचाव की तैयारियों पर सवाल उठाए गए। जिन बिंदुओं पर मजबूत पकड़ नहीं रही, वहां तुरंत निर्देश भी दिए गए। इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) लखनऊ द्वारा समस्त तहसीलों को निर्देश दिये गये कि अपनी-अपनी तहसील क्षेत्रान्तर्गत नाविकों एवं गोताखोरों से समन्वय बनाये रखें। बाढ़ वाले स्थानों पर नाविकों से नावों की जानकारी एवं उनकी स्थिति मांगी गई है। बुद्धिजनों ने सुझाया कि ऐसी व्यवस्था दी जाए, जिससे बाढ़ एवं जलभराव जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल प्रभाव से नाविकों एवं गोताखोरों से सहयोग प्राप्त किया जा सके। सिंचाई विभाग से उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जिला लखनऊ के सभी बैराजों के गेटों की ग्रीसिंग, मरम्मत इत्यादि समय से करा लिया जाये। नगर निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि बाढ़ से पहले ही शहरी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए पंपिंग सेटों को क्रियाशील करना है। किसी स्थान पर पानी जमा न हो, इसके लिए नालों की सफाई करानी है। विद्युत विभाग को कहा गया है कि बाढ़ पंपिंग सेटों पर आपूर्ति की जाने वाली विद्युत निर्बाध एवं सुचारू बनायी रखी जाये। खराब ट्रांसफार्मरों एवं तारों की मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया है।
उप मुख्य चिकित्साधिकारी एवं पशु चिकित्साधिकारी ने जिम्मेदारी ली है कि वह बाढ़ग्रस्त इलाकों में जीवन रक्षक औषधियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धत रखेंगे। बाढ़ से वार्डां में गंदगी के कारण पालतू पशुओं में भी बीमारी फेलने का डर रहता है। इसलिए मानव और पशु, दोनों के लिए दवाएं उपलब्ध कराना है। सहायक पुलिस आयुक्त को निर्देश दिये गये कि पूर्व की भांति बाढ़ से बचाव के लिए बाढ़ चौकियों पर वायरलेस सेट उपलब्ध कराएं। राजस्व विभाग को निर्देशित किया गया कि जिला लखनऊ के समस्त गोताखारों एवं बाढ़ राहत से जुड़े समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों की अद्यतन सूची प्राप्त करते हुए नगर निगम एवं जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण में संचालित कन्ट्रोल रूम में सुरक्षित रखी जाये, ताकि बाढ़ जैसी स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी से सम्पर्क स्थापित कर राहत एवं बचाव कार्य कराया जा सके। डीएम के निर्देशों पर बाढ़ एवं राहत बचाव के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) लखनऊ द्वारा समस्त विभागों को अपने-अपने विभाग की बाढ़ राहत कार्य योजना 07 मई तक पूर्ण कर कार्यालय को भेजना है।
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