गोमतीनदी का जल साफ रखने में मदद करेगा एसटीपी

खबर सार :-
डालीबाग स्थित 120 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी को तैयार करने में बड़ा धन खर्च किया जा रहा है, लेकिन यह गोमतीनदी का जल स्वच्छ रखने में बड़ा मददगार होगा। 23 अप्रैल को डीएम विशाख जी डालीबाग क्षेत्र में हैदरअली कैनाल पर निर्माणाधीन 120 एमएलडी क्षमता के जीएच कैनाल

गोमतीनदी का जल साफ रखने में मदद करेगा एसटीपी
खबर विस्तार : -

लखनऊः डालीबाग स्थित 120 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी को तैयार करने में बड़ा धन खर्च किया जा रहा है, लेकिन यह गोमतीनदी का जल स्वच्छ रखने में बड़ा मददगार होगा। 23 अप्रैल को डीएम विशाख जी डालीबाग क्षेत्र में हैदरअली कैनाल पर निर्माणाधीन 120 एमएलडी क्षमता के जीएच कैनाल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने पूरे प्लांट परिसर का भ्रमण किया। भविष्य में यह सीवेज वाटर को ट्रीटमेंट करने की प्रक्रिया में मददगार होगा? यह जानने के लिए डीएम ने विशेषज्ञों को भी बुलाया था।

  महेश कुमार गौतम, अधिशासी अभियंता, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) ने बताया कि यह एसटीपी हैदरअली कैनाल के 120 एमएलडी तक के अशोधित जल को ट्रीटमेंट करने के लिए बनाया जा रहा है। यह कैनाल शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय से प्रारंभ होती है और शहर के कई क्षेत्रों से होकर गुजरती है। यह परियोजना गोमती नदी को स्वच्छ रखने की दशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसके पूर्ण होने के उपरांत 120 एमएलडी एसटीपी एवं उससे सटे हुए 100 एमएलडी एसपीएस के माध्यम से गोमती में हैदरअली कैनाल ड्रेन आउट होने पर रोक लगाया जा सकेगा। एसटीपी को दो चरणों में चालू किया गया है। पहले चरण के अंतर्गत यह प्लांट 15 अगस्त 2024 से 80 एमएलडी की आंशिक क्षमता पर संचालित किया जा रहा है।

हानिकारक स्तर को कम करने में प्रभावी होगा

अधिशासी अभियंता ने बताया कि आने वाले 15 दिनों में स्लूज़ गेट निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा, जिसके पश्चात यह प्लांट अपनी पूर्ण क्षमता यानी 120 एमएलडी पर कार्य करने लगेगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से ट्रीट किया गया जल गोमती नदी की डाउन स्ट्रीम में डाला जाएगा, जिससे जल प्रदूषण में कमी आएगी। परियोजना को निर्धारित समय-सीमा में ही पूरा करने के लिए डीएम ने निर्देश दिए हैं। अधिशासी अभियंता महेश गौतम द्वारा बताया गया कि प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिनमें वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम भी सम्मिलित है, जो जल को हानिकारक स्तर को कम करने में प्रभावी होगा। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के अधिकारी एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
 

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