Cauvery Calling Make a Record: ‘कावेरी कॉलिंग’ अभियान में बना रिकॉर्ड, लगाए गए 1.36 करोड़ पौधे

खबर सार :-
कावेरी कॉलिंग’ अभियान के अंतर्गत कावेरी बेसिन क्षेत्र में 34,000 एकड़ भूमि पर 1.36 करोड़ पौधों को रोपित करने का रिकॉर्ड बना है। इस अभियान में अब तक कुल 12.2 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिससे 2.38 लाख किसानों को वृक्ष-आधारित कृषि अपनाने में मदद मिली है।

Cauvery Calling Make a Record: ‘कावेरी कॉलिंग’ अभियान में बना रिकॉर्ड, लगाए गए 1.36 करोड़ पौधे
खबर विस्तार : -

कोयंबटूरः दुनिया भर में मशहूर भारतीय योगी और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक एवं आध्यात्मिक गूरू सद्गुरु की ओर से शुरू की गई ‘कावेरी कॉलिंग’ पहल के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हो गई है। ‘कावेरी कॉलिंग’ अभियान के अंतर्गत कावेरी बेसिन क्षेत्र में 34,000 एकड़ भूमि पर 1.36 करोड़ पौधों को रोपित करने का रिकॉर्ड बना है। इस अभियान में अब तक कुल 12.2 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिससे 2.38 लाख किसानों को वृक्ष-आधारित कृषि अपनाने में मदद मिली है। पिछले एक साल में 50,931 किसानों और नागरिकों ने इस बड़े पैमाने के पर्यावरणीय प्रयास में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

 कावेरी कॉलिंगः दुनिया का सबसे बड़ा किसान-प्रधान पर्यावरणीय अभियान

‘कावेरी कॉलिंग’ दुनिया का सबसे बड़ा किसान-प्रधान पर्यावरणीय अभियान है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों को बदलने की क्षमता रखता है। ‘कावेरी कॉलिंग’ को ट्रिलियन ट्रीज़: इंडिया चैलेंज द्वारा शीर्ष नवप्रवर्तक के रूप में सम्मानित किया जा चुका है। यह अभियान 8.4 करोड़ लोगों की जीवनरेखा कावेरी नदी को पुनर्जीवित करने और निजी खेतों में 242 करोड़ पेड़ लगाकर किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। यह वृक्ष-आधारित कृषि को बढ़ावा देता है, जो मिट्टी की उर्वरता को बेहतर करता है। जल संरक्षण करता है। नदी के बहाव को पूरे साल बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही किसानों की आय को बढ़ाता है।

मिट्टी को समृद्ध बनाना धरती की सबसे बड़ी सेवाः सद्गुरु

सद्गुरु ने एक्स पर लिखा कि अभी, धरती और आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़ी सेवा जो कोई भी कर सकता है, वह है मिट्टी को समृद्ध बनाना। आज धरती की सबसे बड़ी जरूरत को पूरा करने में जुटी उन 160 महिलाओं को बधाई और आशीर्वाद, जो खुशी-खुशी धरती को समृद्ध करने का काम कर रही हैं। उनके कार्यों को वैश्विक नीति-निर्माण के माध्यम से तत्काल बढ़ावा और समर्थन देना चाहिए, ताकि सेव सॉयल हो सके। यही इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है। आइए, इसे साकार करें। उन्होंने कहा कि ‘कावेरी कॉलिंग’ दुनिया को दिखाएगा कि सुनियोजित और रणनीतिक कार्रवाई से बंजर भूमि का कायाकल्प संभव है। मिट्टी और पानी से पोषित प्रत्येक व्यक्ति को इस आंदोलन का हिस्सा बनना चाहिए। कावेरी कॉलिंग के परियोजना निदेशक और सेव सॉयल आंदोलन के प्रतिनिधि आनंद एथिराजलु ने मिट्टी पुनर्जनन की तात्कालिकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक जलवायु वित्त का केवल 4 प्रतिशत ही कृषि और खाद्य प्रणालियों तक पहुंच रहा है। जलवायु परिवर्तन को वायुमंडल में नहीं, बल्कि मिट्टी में ठीक किया जा सकता है। वृक्ष-आधारित कृषि के माध्यम से मिट्टी पुनर्जनन पर अधिक ध्यान और निवेश आज की जरूरत है।

 कुड्डालोर में 85 लाख पौधों की क्षमता वाली नर्सरी

आनंद एथिराजलु के अनुसार इस अभियान की सफलता में ‘कावेरी कॉलिंग’ के उत्पादन केंद्र महत्वपूर्ण हैं। कुड्डालोर में विश्व की सबसे बड़ी एकल-स्थल नर्सरी 85 लाख पौधों की क्षमता रखती है, जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित है। तिरुवन्नमलई की नर्सरी 15 लाख पौधे पैदा करती है। ये नर्सरी तमिलनाडु में 40 और कर्नाटक में 10 वितरण केंद्रों को आपूर्ति करती हैं, जो टीक, रेड सैंडलवुड, रोजवुड और महोगनी जैसे 29 उच्च-मूल्य वाले लकड़ी प्रजातियों के पौधे मात्र 3 रुपए में उपलब्ध कराती हैं। ‘कावेरी कॉलिंग’ ने 32,000 से अधिक कृषि भूमियों का दौरा करने के लिए 160 से अधिक फील्ड अधिकारियों को तैनात किया, जो खेतों का दौरा कर मिट्टी, पानी और क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर मुफ्त परामर्श देते हैं। इसके अलावा, 225 से अधिक व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से 52,000 किसानों को वास्तविक समय में सलाह दी जाती है और 9 बजे सुबह से 9 बजे रात तक संचालित हेल्पलाइन 24-48 घंटों में सवालों का समाधान करती है।

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