लखनऊः डालीबाग क्षेत्र में हैदरअली कैनाल पर 120 एमएलडी क्षमता के जी एच कैनाल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण चल रहा है। प्लांट तैयार करने में परिसर की तनिक भी भूमि खाली नहीं है। इसे तैयार करने में अभी कुछ और समय लग सकता है, लेकिन अभियंताओं का मानना है कि सीवेज वाटर को ट्रीटमेंट करने की प्रक्रिया को विस्तार देने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इस एसटीपी को तैयार करने से कई दिक्कतों को दूर किया जाएगा। सबसे ज्यादा लाभ शहर की गोमतीनदी को होगा। इससे जल प्रदूषण भी कम होगा।
अधिशासी अभियंता महेश कुमार गौतम जल निगम (नगरीय) की देखरेख में यह काम चल रहा है। यह एसटीपी हैदर अली कैनाल के 120 एमएलडी तक के अशोधित जल को ट्रीटमेंट करने के काम आएगा। बता दें कि यह कैनाल शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के पास से प्रारंभ होती है। शहर के कई क्षेत्रों से होकर मवैया और फिर राजभवन के पास पहुंचती है। 120 एमएलडी एसटीपी एवं उससे सटे हुए 100 एमएलडी एसपीएस के माध्यम से काम इसका निर्माण पूरा होने के बाद ही किया जा सकता है।
गोमती में हैदरअली कैनाल ड्रेन आउट होने पर रोक लगाकर पानी को साफ बनाने में मदद मिलेगी। क्योंकि एसटीपी का काम अभी लंबा है, इसको दो चरणों में तैयार होना था। पहले चरण के अंतर्गत यह प्लांट 15 अगस्त 2024 से किया जा रहा है, इसमें 80 एमएलडी की आंशिक क्षमता है। इंजीनियरों का मानना है कि जल्द ही स्लूज़ गेट निर्माण तैयार कर लिया जाएगा। इसके बन जाने के बाद यह प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ 120 एमएलडी पर कार्य करने लगेगा। विशेष तकनीकी के जरिए जल को शोधित किया जाएगा। इसके बाद गोमती नदी की डाउन स्ट्रीम में डाल दिया जाएगा। यह तकनीकी जल को प्रदूषण होने से रोकेगी। प्लांट में अत्याधुनिक तकनीक अपनाई गई है।
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