ट्रंप से डील, भारत खुद लेगा फैसला, दबाव में नहीं आएगी सरकार

खबर सार :-
अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ का ऐलान कर दिया। इसमें भारत को 26 फीसदी टैक्स की कैटेगरी में रखकर कुछ समझौतों की उम्मीद जताई गई है। लेकिन जिन समझौतों की बात की जा रही है, देश की सरकार उनसे फिलहाल सहमत नहीं है। उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है वाशिंगटन में समझौता हो चुका है।

ट्रंप से डील, भारत खुद लेगा फैसला, दबाव में नहीं आएगी सरकार
खबर विस्तार : -

लखनऊ, देश की सरकार किसानों के हित में फैसला करेगी। इसमें किसी और देश का निर्णय चलने वाला नहीं है। भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राहतवाली खबर दे रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति कह रहे हैं कि दोनों देशों के बीच समझौता लगभग हो चुका है। उनका इशारा कृषि और डेयरी उत्पाद को लेकर है। भारत सरकार इन दोनों मुद्दों पर अपना फायदा दिखने पर ही किसी प्रकार का समझौता करेगी।  डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिन सोमवार को 14 देशों पर नए सिरे से टैरिफ लगाने के बाद भारत के साथ डील का जिक्र किया था।

नुकसानदायक साबित हो सकते हैं कुछ फैसले

हालांकि, वाशिंगटन से लौटी भारतीय टीम ने भी उम्मीद की थी कि समझौता लगभग तय है। भारत से वार्ता में ज्यादातर मुद्दों पर सहमति जताई गई। हालांकि भारत सरकार कई सेक्टर्स को लेकर अपने तेवर सख्त कर रखे हैं। कुछ फैसले देश के घरेलू उद्योगों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। भारत संवेदनशील मसले पर कोई समझौता करने के पक्ष में नहीं है। एग्रीकल्चर और डेयरी प्रोडक्ट्स पर अमेरिका लगातार समझौते के लिए मांग कर रहा है। इसको लेकर भारत ने दो टूक कह दिया है कि इस संबंध में समझौता नहीं किया जा सकता है।

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे टैरिफ को आर्थिक लाभ के साधन के रूप में जोड़ते हुए सुलझाने का संकेत दिया है। उनका दावा है कि वाशिंगटन भारत के साथ ट्रेड डील के करीब पहुंच गया है। यद्यपि उन्होंने चाइना से भी समझौते की बात की है। कृषि और डेयरी क्षेत्र में गेहूं-चावल और दूध से बनी वस्तुओं पर भारत अपने रुख पर अडिग है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में जल्दबाजी से इंकार किया है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नेशन हमारा मूल मंत्र है। अमेरिका के टैरिफ और कृषि तथा डेयरी उत्पाद के संबंध में उन्होंने कहा कि किसी दबाव में कोई बातचीत नहीं होगी। किसान और देश हित में ही निर्णय लिए जाएंगे। 02 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति ने तमाम देशों पर टैरिफ का ऐलान किया था। उसने भारत को 26 फीसदी टैक्स की कैटेगरी में रखा था। 
 

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