Shubhanshu Shukla : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापसी यात्रा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चंद्रयान मिशन की सफलता को लेकर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के परिवार में उत्साह और खुशी का माहौल है। शुभांशु शुक्ला कुछ ही घंटों में एक्सिओम-4 मिशन के तहत अपने साथ गए तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ पृथ्वी की यात्रा के लिए रवाना होने वाले हैं। वह 15 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से भारत लौटेंगे। शुभांशु की वापसी को लेकर उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला, माता आशा शुक्ला और बहन शुचि मिश्रा ने सावन के पहले सोमवार को भगवान शिव की पूजा करके इस उपलब्धि का जश्न मनाया और शुभांशु की सकुशल वापसी की कामना की।
बता दें कि एक्सिओम स्पेस (Axiom Space) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) द्वारा शेयर किए गए कार्यक्रम के मुताबिक, सोमवार दोपहर 2:50 बजे ड्रैगन कैप्सूल का हैच बंद हो जाएगा। फिर शाम 4:35 बजे कैप्सूल अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से अलग हो जाएगा। फिर वहां से 22.5 घंटे की यात्रा के बाद, यह ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और फिर मंगलवार, 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) कैलिफ़ोर्निया तट के पास उतरेगा।
लखनऊ स्थित अपने आवास पर शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, "घर में उत्साह का माहौल है। शुभांशु की वापसी की खबर से हम बहुत खुश हैं। मैंने ईश्वर से उसकी सकुशल वापसी की कामना की है।" उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, "भारत पहले से ही अच्छा है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह और भी बेहतर हो गया है। उनके प्रयासों से ही यह मिशन सफल हुआ। शुभांशु शुक्ला के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, "आज सावन का पहला सोमवार था। हमने मंदिर जाकर भगवान शिव का अभिषेक किया और घर पर भी पूजा-अर्चना की। भोलेनाथ के आशीर्वाद से यह मिशन सफल रहा। हमें विश्वास है कि उनके आशीर्वाद से शुभांशु सकुशल लौटेंगे।"
इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापस लौटने के बाद, शुभांशु शुक्ला करीब सात दिनों के पुनर्वास का प्रक्रिया से गुजरेंगे, जो एक फ्लाइट सर्जन की देखरेख में आयोजित किया जाएगा, ताकि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सकें। इसरो ने इस मिशन में भारत की भागीदारी के लिए लगभग 66 मिलियन डॉलर (लगभग 550 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। यह अनुभव भारत के अपने मानव अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' की योजना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। गगनयान मिशन वर्ष 2027 में प्रक्षेपित किया जाना है।
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