सोशल मीडिया पर बढ़ते खतरे को लेकर सरकार गंभीर, डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता : अश्विनी वैष्णव

खबर सार :-
भारत में फर्जी खबरों और डीपफेक की बढ़ती चुनौती सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना रोकने के लिए कठोर नियम, तेज कार्रवाई और तकनीकी निगरानी आवश्यक है। सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की सुरक्षा के बीच संतुलन रखते हुए ऐसा माहौल बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहाँ डिजिटल माध्यम सुरक्षित और विश्वसनीय बने रहें।

सोशल मीडिया पर बढ़ते खतरे को लेकर सरकार गंभीर, डीपफेक पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता : अश्विनी वैष्णव
खबर विस्तार : -

Parliament Session 2025: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही फर्जी खबरें और भ्रामक सूचनाएँ भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गलत जानकारी, हेरफेर किए गए वीडियो और एआई-जनरेटेड डीपफेक लोगों की सोच को प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए इस पर तुरंत सख्त कार्रवाई और मजबूत कानूनी ढांचा आवश्यक है। मंत्री ने कहा कि कुछ लोग और समूह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग इस तरह कर रहे हैं, मानो वे भारत के संविधान या संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं। ऐसे मामलों को देखते हुए कठोर नियम और निगरानी तंत्र को मजबूत करना बेहद जरूरी हो गया है।

गुमराह करने वाले कंटेंट पर 36 घंटे में कार्रवाई

लोकसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में वैष्णव ने बताया कि सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए नियमों में आपत्तिजनक या भ्रम फैलाने वाले वीडियो को 36 घंटों के भीतर हटाने का प्रावधान शामिल है। इसके साथ ही एआई आधारित डीपफेक की पहचान करने और तुरंत कार्रवाई के लिए एक मसौदा नियम भी तैयार किया गया है, जिस पर विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ विमर्श चल रहा है। उन्होंने संसदीय समिति द्वारा दिए गए सुझावों की सराहना करते हुए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे सहित सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने कानूनी ढांचा मजबूत करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की।

लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन जरूरी

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फर्जी खबरों के खिलाफ लड़ाई सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि संवैधानिक महत्व का मुद्दा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की सुरक्षा—इन दोनों के बीच संतुलन बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया ने तकनीक को जनता तक पहुंचाया है। इससे समाज में पारदर्शिता, भागीदारी और सूचना तक स्वतंत्र पहुँच जैसे सकारात्मक बदलाव आए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सोशल मीडिया ने हर नागरिक को आवाज दी है, लेकिन इसके जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सरकार का उद्देश्य ऐसा मजबूत तंत्र विकसित करना है, जो संस्थाओं में जनता के विश्वास को और अधिक मजबूत कर सके।

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