Defence Sector News: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग में निजी क्षेत्र के योगदान को दोगुना करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है, जबकि अगले तीन वर्षों में इसे कम से कम 50 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के वार्षिक सत्र में बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी के कारण भारत का रक्षा निर्यात पिछले दशक में 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर रिकॉर्ड 23,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है। इसके तहत रक्षा प्लेटफॉर्म, सिस्टम और सब-सिस्टम को धीरे-धीरे पूरी तरह स्वदेशी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो उपकरण देश में नहीं बनाए जा सके हैं, उनमें भी कम से कम 50 फीसदी स्वदेशी सामग्री शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है। कई क्षेत्रों में हम सफल हुए हैं, लेकिन अभी भी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। सरकार हर स्तर पर घरेलू निर्माताओं को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रही है।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि विदेशी हथियारों और उपकरणों पर निर्भरता न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी प्रभावित करती है। उन्होंने कहा कि जब हम कोई बड़ा रक्षा उपकरण विदेशों से खरीदते हैं, तो उसके रखरखाव, मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स पर भारी खर्च आता है। इससे हमारी निर्भरता बनी रहती है। इसलिए हमें सिर्फ असेंबली पर नहीं, बल्कि तकनीक आधारित स्वदेशी निर्माण पर ध्यान देना होगा। इस बात पर भी जोर दिया कि भारत को केवल फुल प्लेटफॉर्म्स पर नहीं, बल्कि सब-सिस्टम और कॉम्पोनेंट्स के घरेलू निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनना होगा।

राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के स्वदेशी हथियारों और प्रणालियों ने न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की साख को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में आकाश मिसाइल प्रणाली, ब्रह्मोस, आकाश तीर वायु रक्षा नियंत्रण प्रणाली और अन्य स्वदेशी प्रणालियों ने अपनी ताकत साबित की। यह भी कहा कि इस सफलता का श्रेय हमारे वीर सैनिकों के साथ-साथ उन इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को भी जाता है, जिन्होंने स्वदेशी प्रणालियों को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र सिर्फ आर्थिक विकास का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संप्रभुता का भी मूल स्तंभ है। राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक, उद्योग और संगठन की साझी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि सरकार निजी क्षेत्र पर भरोसा जता रही है, और इसी का परिणाम है कि भारत अब सेमीकंडक्टर निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में भी प्रगति कर रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन स्वावलंबन परंपरा का आधुनिक स्वरूप है।
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