जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्शन,  25 वाहनों का किया गया ऑनलाइन चालान

खबर सार :-
उपखनिजों के परिवहन में गड़बड़ी पाए जाने पर 27 में से 25 गाड़ियों के लिए ऑनलाइन समन जारी किए गए और मौके पर ही 644,500 रुपये वसूल कर जमा कर दिए गए। दो गाड़ियों को अदलहाट और अहरौरा पुलिस थानों को सौंप दिया गया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्शन,  25 वाहनों का किया गया ऑनलाइन चालान
खबर विस्तार : -

मीरजापुरः जनपद में उपखनिजों के अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से 06 से 08 दिसंबर 2025 तक एक विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय, उत्तर प्रदेश के आदेश तथा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार के निर्देशन में संचालित किया गया। इस कार्यवाही का नेतृत्व खान अधिकारी जीतेन्द्र सिंह और लखनऊ मुख्यालय से पहुँची प्रवर्तन टीम ने संयुक्त रूप से किया।

नियमों का कर रहे थे उल्लंघन

अभियान के दौरान विभिन्न मार्गों पर औचक निरीक्षण किया गया। प्रवर्तन टीम ने कुल 27 वाहनों की जाँच करते हुए पाया कि इनमें से 25 वाहन उपखनिजों का परिवहन करते समय नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इन वाहनों पर अनियमितता पाए जाने पर ऑनलाइन चालान करते हुए मौके पर ही कुल ₹6,44,500 की राशि वसूल कर जमा कराई गई। शेष 02 वाहनों को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के तहत थाना अदलहाट और थाना अहरौरा की सुपुर्दगी में दिया गया।

सभी जिम्मेदारों के खिलाफ होगी कार्रवाई

जाँच में यह भी स्पष्ट हुआ कि कई वाहनों में उपखनिजों का ओवरलोड परिवहन किया जा रहा था। ऐसे मामलों में न केवल वाहन स्वामियों पर कार्रवाई की जा रही है, बल्कि उन क्रेशर प्लांटों के स्वामियों/मालिकों के विरुद्ध भी कार्रवाई प्रस्तावित है, जिन्होंने इन वाहनों के लिए परिवहन प्रपत्र जारी किए थे। नियमों के अनुसार प्रत्येक ऐसे वाहन के लिए क्रेशर प्लांट स्वामियों से ₹5,00,000 की शास्ति वसूलने की प्रक्रिया अलग से संचालित की जा रही है।

राजस्व की हानि रोकने के प्रयास

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी पट्टाधारक, वाहन स्वामी या स्टोन क्रेशर संचालक द्वारा खनन एवं परिवहन संबंधी नियमों का उल्लंघन पाया जाता है, तो उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जिलास्तरीय प्रवर्तन टीम ने यह भी कहा कि जनपद में अवैध खनन, अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग की रोकथाम हेतु यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी, ताकि खनिज संसाधनों का संरक्षण हो सके और राजस्व की हानि को रोका जा सके।

यह अभियान प्रशासन की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसके माध्यम से अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने और खनन क्षेत्र में पारदर्शिता व नियम-पालन सुनिश्चित करने का प्रयास लगातार जारी है।

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